Scheme to expand cultivation area of Kharif onion : भारत में प्याज की खेती रबी, खरीफ और जायद – तीनों ही मौसम में की जाती है। यह किसानों के लिए एक बेहद लाभकारी फसल मानी जाती है। बाजार में इसकी लगातार डिमांड और अच्छे दाम मिलने के कारण किसान इसकी फसल से बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। खासतौर पर शारदीय (खरीफ) प्याज की खेती से। अगर इसकी खेती सही समय, किस्म और तकनीक से की जाए तो किसान कम लागत में अधिक उत्पादन लाभ सुनिश्चित कर सकते हैं। कई राज्यों ने प्याज की खेती को बढ़ावा देने और किसानों की लागत घटाने के लिए अनुमानित लागत का 75 प्रतिशत यानी 18,375 रुपए प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी देने की योजना भी शुरू की है। यह योजना उन किसानों के लिए सुनहरा अवसर है, जो प्याज की खेती (Onion cultivation) करके अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं। बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह योजना राज्य के उन किसानों को काफी फायदेमंद साबित हो सकती है, जो प्याज की खेती करते हैं, या करने का विचार बना रहे हैं। योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी, लाभ उठाने के लिए किसान जल्दी अपना आवेदन विभागीय वेबसाइट पर प्रस्तुत करें।
उप मुख्यमंत्री - सह - कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में प्याज की खेती को बढ़ावा देने और खेती लागत को कम करने के लिए सरकार ने राज्य योजना के तहत “शारदीय (खरीफ) प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना” की शुरूआत की है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता देने का प्रावधान भी किया गया है। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 18 जिलों में इस योजना लागू किया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने कहा कि, सरकार ने राज्य स्कीम मद से खरीफ प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना (2025-26) के लिए 202.125 लाख (दो करोड़ दो लाख बारह हजार पांच सौ) की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में शारदीय (खरीफ) प्याज के खेती क्षेत्र का विस्तार कर कुल उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना है, ताकि किसानों को सीधा आर्थिक लाभ मिल सके। फिलहाल शारदीय (खरीफ) प्याज के खेती क्षेत्र का विस्तार राज्य के 18 जिलों में किया जाएगा। इनमें बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, नालन्दा, पटना, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सिवान एवं वैशाली जिले शामिल है।
'शारदीय (खरीफ) प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना' अंतर्गत शारदीय (खरीफ) प्याज की खेती के लिए 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता निर्धारित की गई है। बीज का वितरण 2450 रुपए प्रति किलोग्राम या वास्तविक दर जो भी कम हो पर किया जाएगा। प्रति हेक्टेयर 24,500 रुपए की अनुमानित लागत पर किसानों को 75 प्रतिशत अर्थात 18,375 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा। उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार सरकार की इस योजना में लाभ लघु, सीमांत एवं बटाई पर खेती करने वाले किसानों को भी मिलेगा, अगर वे पट्टा या बटाई अनुबंध प्रस्तुत करते हैं, तो। योजना की पात्रता न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.10 हेक्टेयर) और अधिकतम 5.00 एकड़ (2.00 हेक्टेयर) भूमि के लिए होगी।
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस योजना के तहत गुणवत्तायुक्त सत्यापित बीज (Quality verified seeds) संबंधित जिलों के सहायक निदेशक (उद्यान) के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। बीज की आपूर्ति (supply) राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, पटना एवं बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड (BRBNL), पटना के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। बिहार सरकार द्वारा लागू की गई शारदीय (खरीफ) प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना प्याज उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। यह राज्य को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर और नवाचारी बनाने की दिशा में एक अहम पहल साबित होगा।
उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री सिन्हा ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य योजना के तहत “खरीफ प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना” हेतु ऑनलाईन आवेदन फॉर्म मांगे गए हैं। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों का डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा। इच्छुक आवेदक को उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार सरकार की विभागीय वेबसाइट http://horticulture-bihar.gov.in पर योजनाओं का लाभ लेने हेतु आवेदन करना होगा। वेबसाइट पर उपलब्ध “सब्जी एवं मसाले से सम्बंधित योजना” लिंक के माध्यम से “शारदीय (खरीफ) प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना” पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। चयन प्रक्रिया पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगी।
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