मुख्यमंत्री चौर विकास योजना 2025 : बेकार पड़ी बंजर जमीन को उपयोग में लाने के लिए राज्य सरकारें लगातार काम कर रही है। इस दिशा में बिहार सरकार द्वारा भी ठोस कदम उठाया गया है। बिहार सरकार ने सात निश्चय-2 कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 'मुख्यमंत्री चौर विकास योजना' (Mukhyamantri Chaur Vikas Yojana) की शुरुआत की है। इस योजना माध्यम से राज्य सरकार किसानों को बेकार पड़ी जमीन पर मछली पालन के लिए अनुदान पर तालाब बनाने का मौका दे रही है। राज्य सरकार की यह पहल मछली उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी। इच्छुक किसान इस योजना में लाभ के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। ऐसे में राज्य के उन किसानों के पास मोटी कमाई करने का बेहतर अवसर है, जिन्हें बंजर हो चुकी अपनी भूमि को खाली छोड़ दिया है।
उल्लेखनीय है कि जहां “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना” के तहत पूरे देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान और तकनीकी सहायता दी जा रही है, वहीं अब बिहार सरकार भी राज्य में किसानों की बेकार पड़ी जमीन को मछली उत्पादन का स्रोत बनाने का काम कर रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिहार में 'मुख्यमंत्री चौर विकास योजना' शुरु की है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में बड़े पैमाने पर उपलब्ध निजी चौर भूमि को मत्स्य आधारित इंटीग्रेटेड एक्वाकल्चर के लिए विकसित करना है। इससे बेकार पड़ी चौर भूमि में मछली पालन के साथ-साथ कृषि, बागवानी और कृषि वानिकी जैसे काम किए जा सकेंगे। उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी भी की जा सके, जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा और ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाया जा सकेगा।
'मुख्यमंत्री चौर विकास योजना' के अंतर्गत चौर विकास के लिए 'लाभुक आधारित चौर विकास' और 'उद्यमी आधारित चौर विकास' का क्रियान्वयन किया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को बंजर भूमि पर तालाब निर्माण के लिए 70 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। इसमें समान्य वर्ग के लाभार्थियों को इकाई लागत पर 50 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग / अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए 70 प्रतिशत और उद्यमी किसानों को 40 फीसदी अनुदान मिलेगा।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (मत्स्य प्रभाग), बिहार के मुताबिक, मुख्यमंत्री चौर विकास योजना के लिए तीन मुख्य मॉडल जारी किए हैं, जो नीचे निम्न प्रकार से है :
'मुख्यमंत्री चौर विकास योजना' के लिए निम्न दस्तावेज अनिवार्य होंगे।
किसानों को मछली पालन एवं अन्य कृषि गतिविधियों के लिए चौर जमीन पर तालाब बनाने के लिए 70 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (मत्स्य प्रभाग), बिहार सरकार की मुख्यमंत्री चौर विकास योजना के तहत मिलेगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए अंतिम तारीख 31 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। इसके अलावा, आप अपने पास के ब्लॉक के कृषि या फिशरीज डिपार्टमेंट से संपर्क करें। संबंधित अधिकारी से मार्गदर्शन प्राप्त कर आवेदन फार्म भरें। इसके बाद, मत्स्य विभाग द्वारा तालाब निर्माण, मछली पालन, फीडिंग और मार्केटिंग आदि के लिए मदद प्रदान की जाएगी।
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