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बागवानी किसानों को 75% सब्सिडी: कीट नियंत्रण उपकरण पर बड़ी राहत

बागवानी किसानों को 75% सब्सिडी: कीट नियंत्रण उपकरण पर बड़ी राहत
पोस्ट -11 जून 2025 शेयर पोस्ट

बागवानी किसानों के लिए खुशखबरी! कीट नियंत्रण पर भारी सब्सिडी

बागवानी किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। बिहार सरकार की ओर से बगीचों एवं फसलों में कीट नियंत्रण को लेकर नई कीट प्रबंधन योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत किसानों को आम, लीची, अमरूद, केला और पपीता जैसी प्रमुख फलों की फसलों में कीट नियंत्रण के लिए छिड़काव कराने पर 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। 

इस योजना का उद्देश्य न केवल फलों की क्वालिटी में सुधार लाना है, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाना और उद्यानिक फसलोंं के उत्पादन को बढ़ावा देना है। यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रभावी होगी और इसका संचालन कृषि विभाग के माध्यम से किया जाएगा।

उद्यानिक फसलों की सुरक्षा को मिलेगी मजबूती (Security of horticultural crops will be strengthened)

राज्य के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि यह पहल किसानों की आय में बढ़ोतरी और उद्यानिक क्षेत्र की मजबूती के लिए एक अहम कदम है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से अधिकृत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से किसानों के बगीचों और फसलों में छिड़काव कराया जाएगा, जो वैज्ञानिक सलाह और अनुशंसित कीटनाशकों पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि कीटों के प्रकोप के चलते अक्सर किसानों को भारी नुकसान होता है, खासकर आम, लीची और अमरूद जैसी फसलों में। ऐसे में सरकार का यह कदम किसानों को इस परेशानी से राहत देगा और फल उत्पादन की क्वालिटी व मात्रा में भी सुधार लाएगा।

किन-किन फसलों पर मिलेगा येाजना लाभ और कितने पेड़ों पर (On which crops will the scheme benefit be available and on how many trees)

इस योजना में फलों के अनुसार अलग-अलग सब्सिडी की दर तय की गई है, योजना के तहत आम, लीची, अमरूद, केला व पपीता पर जो अनुदान दिया जाएगा, वे इस प्रकार है– 

आम (Mango) के लिए सब्सिडी की दर : इसके तहत प्रथम छिड़काव पर 57 रुपए प्रति पेड़ सब्सिडी मिलेगी। वहीं दूसरे छिड़काव पर 72 रुपए प्रति पेड़ सब्सिडी मिलेगी। इस तरह प्रति छिड़काव अधिकतम 112 पेड़ों पर यह सब्सिडी या अनुदान सहायता किसानों को दी जाएगी। 
लीची (Litchi) के लिए सब्सिडी की दर : इसके तहत प्रथम छिड़काव पर 162 रुपए प्रति पेड़ और दूसरे छिड़काव पर 114 रुपए प्रति पेड़ के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी। एक किसान अधिकतम 84 पेड़ों तक इसका लाभ प्राप्त कर सकता है। 
अमरूद (Guava) के लिए सब्सिडी की दर : इसके तहत प्रथम छिड़काव पर 33 रुपये प्रति पेड़ और दूसरे छिड़काव पर 45 रुपए प्रति पेड़ की दर से सब्सिडी दी जाएगी। एक किसान अधिकतम 56 पेड़ों तक इसका लाभ उठा सकते हैं। 
केला और पपीता (Banana & Papaya) के लिए अनुदान दर : केला और पपीता के लिए प्रथम छिड़काव पर 50% या 2150 रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता अनुदान दिया जाएगा। वहीं दूसरे छिड़काव पर 50% या 2000 रुपए प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना में किसानों को दो बार छिड़काव की सुविधा दी गई है, ताकि कीटों पर नियंत्रण किया जा सके जिससे बेहतर पैदावार मिल सके। 

कैसे करें योजना में आवेदन (How to apply in the scheme)

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। राज्य सरकार ने इसकी प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया है। आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • डीबीटी पोर्टल (https://dbtagriculture.bihar.gov.in) पर जाएं। 
  • “कृषि योजनाओं के लिए आवेदन” विकल्प चुनें। 
  • इसके तहत “बगीचों एवं फसलों में कीट प्रबंधन योजना” का चयन करें। 
  • समग्र किसान पंजीकरण संख्या और आधार नंबर दर्ज करें। 
  • इसके बाद आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। 
  • अब आवेदन सबमिट करें और उसकी प्रिंट कॉपी लेकर अपने पास रखें ताकि भविष्य में काम आ सके। 

बागवानी फलों पर कीटनाशक छिड़काव की क्या रहेगी व्यवस्था (What will be the arrangement for spraying pesticides on horticultural fruits)

छिड़काव कार्य सरकार द्वारा अधिकृत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से किया जाएगा, जो निर्धारित मानकों का पालन करेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को बेहतर सेवाएं प्राप्त हों। कृषि मंत्री ने विश्वास जताया कि इस योजना से न केवल किसानों को कीट नियंत्रण में राहत मिलेगी, बल्कि उनकी आमदनी में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि योजना का लक्ष्य “कम लागत में उच्च क्वालिटी वाली उपज” को बढ़ावा देना है। कृषि विभाग की ओर से सभी जिलों को इस योजना के क्रियान्वयन के निर्देश जारी किए जा चुके हैं और जल्द ही सेवा प्रदाताओं की सूची भी पोर्टल पर उपलब्ध होगी। इस योजना में आवेदन व योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने ब्लॉक कृषि पदाधिकारी या उद्यान विभाग से संपर्क कर सकते हैं। 

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