Farmers ID : केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के हित में अनेक योजनाएं चला रही हैं, इन योजनाओं के माध्यम से उन्हें आर्थिक सहायता, आधुनिक तकनीक और अन्य संसाधनों का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन कुछ मामलों में अपात्र लोग इन योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे हैं। इसी कारण, अब केवल पात्र किसानों को ही इन योजनाओं का फायदा देने के लिए डिजिटल फार्मर आईडी (Farmer ID) अनिवार्य की जा रही है। हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में हुई कृषि एवं ग्रामीण विभाग, महाराष्ट्र की समीक्षा बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि सभी किसानों को फार्मर आईडी जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए, नहीं तो भविष्य में बिना फार्मर आईडी किसी भी किसान को सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। यदि आपने अभी तक फार्मर आईडी नहीं बनवाई है, तो जल्द ही इसे बनवा लें, अन्यथा पीएम किसान सम्मान निधि की अगली (20वीं) किस्त और अन्य लाभकारी योजनाओं पर भी असर पड़ेगा। आप इन सभी योजनाओं के लाभ से वंचित रह सकते हैं।
इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य के मौसम के अनुसार फसल की जानकारी के बारे में भी चर्चा की, जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिले। जलवायु अनुकूल फसल किसान लगाएं। उन्होंने कृषि विभाग को देश के विभिन्न हिस्सों में वहां के मौसम के अनुकूल फसल की किस्में विकसित करने के निर्देश दिए। मौसम परिवर्तन के अनुसार तथा वर्षा के अनुसार फसलों की, विशेषकर राज्य में कपास की किस्में अधिकाधिक विकसित करने की आवश्यकता है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी अधिक उत्पादन देने वाली किस्में तैयार की जाए। इसके अलावा, कृषि मंत्री ने राज्य का बेस्ट क्रॉपिंग मॉडल विकसित करने के निर्देश भी दिए।
विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत आयोजित एक कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने कपास की फसल पर लगने वाली पिंक बॉलवर्म कीट (गुलाबी सुंडी) के प्रबंधन के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित स्मार्ट ट्रैप तकनीक की भी शुरुआत की। यह तकनीक किसानों की कपास फसलों में गुलाबी सुंडी का संक्रमण होने पर अलर्ट भेजेगी। इस दौरान महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा कि कपास की तुड़ाई में अभी मजदूर मिलना कठिन हो गया है, इसके लिए बैटरी से चलने वाले छोटे ट्रैक्टर पर अनुसंधान और विकास कार्य चल रहा है। अगर यह अनुसंधान सफल रहा तो इसे कृषि मंत्रालय को प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य के किसानों की फार्मर आईडी तैयार करने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा। किसान अपने कुछ दस्तावेज जैसे- पहचान कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, भूमि से जुड़े कागज आदि के साथ अपनी फार्मर आईडी तैयार करा सकते हैं। फार्मर आईडी बनने से उन्हें बार-बार केवाईसी भी नहीं करवाना होता है, पंजीकरण फॉर्म भरना होगा। साथ ही इस आईडी से किसानों को पारदर्शी तरीके से कृषि योजनाओं का लाभ मिलेगा।
बता दें कि पात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान), फसल बीमा (पीएमएफबीवाई), फसल ऋण, कृषि यंत्रों समेत सरकार द्वारा संचालित तमाम योजनाओं का सीधे लाभ दिलाने के लिए “फार्मर रजिस्ट्री आईडी” तैयार कराई जा रही है। फॉर्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण कराने वाले किसानों को ही योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। फॉर्मर रजिस्ट्री करने के लिए, किसानों को अपने साथ अपना आधार कार्ड, योजना से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और खतौनी की कॉपी, फैमिली आईडी (परिवार पहचान संख्या) या राशन कार्ड लेकर सीएससी केंद्र या जनसेवा केंद्र से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके अलावा, किसान अपने नजदीकी जन सुविधा केंद्र (सीएससी) या फिर सरकार द्वारा पंचायत भवन तथा गांव में अन्य जगहों पर लगाए गए कैंप पर जाकर निर्धारित शुल्क देकर अपनी किसान रजिस्टी में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
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