Paddy MSP 2023 : किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय की जाती है। इसे कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस (CACP) की सिफारिश पर केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक फसल सीजन से पहले तय करती है। इसमें फसलों का एक न्यूनतम गारंटेड मूल्य तय किया जाता है, जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कहते हैं। इससे मार्केट में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का प्रभाव किसानों पर नहीं पड़ता और उन्हें उनकी उपज का गारंटेड मूल्य मिलता रहता है। इसी बीच देशभर में खरीफ फसल में प्रमुख धान की एमएसपी खरीद जारी है। राज्यों की उपज मंडियों और सरकारी खरीद केंद्राें द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद की जा रही है। इस बीच धान की कीमतों में चल रही जबरदस्त तेजी से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। कृषि उपज बाजारों में किसानों को बासमती धान के अच्छे दाम मिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि निर्यातकों की हड़ताल समाप्त होने के बाद से ही बासमती धान के भाव में लगातार तेजी बनी हुई है और धान के भाव में पांच सौ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल, धान के भाव में लगातार चल रहे उतार-चढ़ाव से कीमतों में लगातार परिवर्तन देखा जा रहा है। निर्यात मांग में कमी व वृद्धि के चलते व्यापारी और धान विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में धान की 1121 के साथ अन्य वैरायटी के दामों में भी जबरदस्त तेजी होगी। कहा जा रहा है कि इस बार भी धान की कीमतें पिछले साल से पार जाने की उम्मीद है।
चावल निर्यात की बढ़ रही मांग
चावल निर्यात की मांग लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2021-22 के दौरान भारत से विदेशों में बासमती चावल का निर्यात लगभग 39 लाख टन किया गया। वहीं, साल 2022-23 में 49 लाख टन बासमती चावल का निर्यात विदेशों में किया गया। बासमती चावल निर्यात में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर सशर्त प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं, इससे पहले सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार का कहना था कि देश में आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए घरेलू आपूर्ति को पूरा करने और चावल पर बढ़ते खुदरा दामों को काबू करने के लिए यह कदम उठाया गया था। सरकार के इस फैसले से नाराज निर्यातक हड़ताल पर चले गए। जिससे बासमती चावल के निर्यात और भाव में बड़ी गिरावट देखी गई। लेकिन अब सरकार के नए फैसले के तहत निर्यातकों को 1200 डालर प्रति टन से अधिक मूल्य पर बासमती चावल निर्यात करने की अनुमति होगी। वहीं, निर्यातकों की हड़ताल समाप्त होने के बाद भाव में लगातार बढ़ोतरी हुई है। जहां बासमती 30 नंबर धार के दाम 6200 रुपए प्रति क्विंटल, धान 1121 के भाव 4822 रुपए प्रति क्विंटल और धान 1718 के भाव 4600 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बने हुए हैं। इसके अलावा अन्य धान वैरायटी के दाम में भी तेजी बनी हुई है।
धान मंडियों में चल रहे धान के भाव
क्र. सं. | फसल | वैरायटी | मंडी | अधिकतम मंडी भाव (रुपए/क्विंटल) |
1. | धान | 1121 | पिहोवा | 3800 |
2. | धान | 1121 | भुना मंडी | 4525 |
3. | धान | 1401 | गिदड़बाहा मंडी पंजाब | 4205 |
4. | धान | 1718 | गिदड़बाहा मंडी पंजाब | 4080 |
5. | धान | 1692 | गिदड़बाहा मंडी पंजाब | 3580 |
6. | धान | 1509 | गिदड़बाहा मंडी पंजाब | 3580 |
7. | धान | 1847 | गिदड़बाहा मंडी पंजाब | 3350 |
8. | धान | बासमती 30 नंबर | तरावड़ी मंडी | 6220 |
9. | धान | 1847 | सिरसा मंडी | 3333 |
10. | धान | 1121 | सिरसा मंडी | 3400 |
11. | धान | 1718 | नुंह मंडी | 4325 |
12. | धान | 1121 | नुंह मंडी | 4581 |
13. | धान | 1509 | नुंह मंडी | 3625 |
14. | धान | 1847 | रानियां मंडी | 3241 |
15. | धान | 1509 | रानियां मंडी | 3500 |
16. | धान | 1401 | रानियां मंडी | 4250 |
17. | धान | 1121 | टोहाना मंडी | 4425 |
18. | धान | DP 1401 | टोहाना मंडी | 4480 |
19. | धान | 1718 | टोहाना मंडी | 4270 |
20. | धान | 1718 | जाखल मंडी | 4500 |
21. | धान | 1121 | मदलोड मंडी हरियाणा | 4822 |
22. | धान | 1718 | मदलोड मंडी हरियाणा | 4590 |
23. | धान | 1121 | नरवाना मंडी | 4000 |
24. | धान | 1121 | फतेहाबाद मंडी | 4175 |
25. | धान | 1121 | उचाना | 4551 |
26. | धान | 1121 | रेवाड़ी मंडी | 4451 |
27. | धान | 1509 | समालखा मंडी | 3100 |
28. | धान | 1509 | जुड़ला मंडी | 3241 |
29. | धान | 1509 | भुना मंडी | 3961 |
30. | धान | अन्य | विकास नगर देहरादून | 2190 |
31. | धान | मोटा धान | नौतनव महाराजगंज (UP) | 2200 |
धान की कीमतों में चल रही तेजी का कारण
बता दें कि चावल निर्यात पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से नाराज निर्यातक व्यापारी हड़ताल पर चल गए थे। जिसके चलते बासमती धान 1509 और अन्य बासमती चावल के निर्यात में भारी कमी हुई। इससे धान की कीमतों में 500-700 रुपए तक की गिरावट हुई। लेकिन अब धान की बकाया खरीद और एमईपी मूल्य पर सरकार के नए फैसले के कारण निर्यातक हड़ताल समाप्त होने से धान की दरें बढ़ने लगी। इंटरनेट पर कहा जा रहा है कि धान की कीमतों में तेजी है, लेकिन बाजार जानकारों का कहना है कि यह धान की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं, बल्कि धान के दामों में रिकवरी है, जो अपने औसत भाव पर आ रही है। बताया जा रहा है कि मांग बढ़ने की वजह से आने वाले कुछ दिनों में धान 1121 के भाव और बढ़ने की उम्मीद है।
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