Drought Relief Scheme : कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही सुखाड़ जैसी परिस्थितयों में किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जाती है। इनके अंतर्गत किसानों को प्रति एकड़ की दर से बोनस राशि प्रदान की जाती है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की हरियाणा सरकार राज्य में सूखा राहत योजना चला रही है। इसके तहत प्रदेश के किसानों को नववर्ष का तोहफा दिया गया है। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को उनके लिए 90 करोड़ रुपए का बोनस जारी किया। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित अपने कार्यालय से ऑनलाइन बोनस जारी करने के पश्चात कृषि, बागवानी एवं अन्य सहायक क्षेत्रों के लिए अधिकारियों के साथ प्री-बजट चर्चा भी की। कृषि मंत्री ने आगामी बजट की व्यापक तैयारियां करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के व्यापक हित की योजनाओं के लिए बजट में रूपरेखा तैयार करें। उन्होंने अधिकारियों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सभी 24 फसलों की खरीद को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने तत्काल राहत उपायों के तहत सीएम नायब सिंह सैनी द्वारा घोषित सूखा राहत योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ 2,000 रुपए का बोनस प्रदान करते हुए 90 करोड़ रुपए जारी किए। यह निर्णय प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों से जूझ रहे धान उत्पादकों को समर्थन देने के उद्देश्य से लिया गया। इस दौरान उन्होंने कई सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की और केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी पहलों के प्रति किसानों में जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया। जानकारी के लिए बता दें कि धान के मौसम के दौरान राज्य में कम बारिश होने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से घोषित सूखा राहत स्कीम के तहत प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 2,000 रुपए का बोनस देने का वादा किया गया था।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने अधिकारियों को विभागीय संकल्पों (प्रतिबद्धताओं) की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा घोषित योजनाओं को समय पर लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि उपकरणों के लिए प्रत्यक्ष सब्सिडी हस्तांतरण जल्द से जल्द किया जाए, ताकि किसान खुले बाजार से उपकरण खरीद सकें। हरियाणा राज्य कृषि एवं विपणन बोर्ड के अधिकारियों को कृषि मंडियों में कृषकों और श्रमिकों के लिए सुविधाओं को बढ़ाने का निर्देश दिया गया। विपणन प्रणाली (मार्केटिंग सिस्टम) को आधुनिक बनाने हेतु अधिकारियों से राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) को बढ़ावा देने का आग्रह किया। इससे किसान अपने उत्पाद पूरे भारत में ऑनलाइन बेच सकें।
कृषि मंत्री ने बताया कि पराली जलाने को रोकने के लिए आगे आने वाली ग्राम पंचायतों को नकद पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाएगा। अधिकारियों ने कृषि मंत्री को जानकारी दी कि किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए नकली बीज, कीटनाशक एवं खाद-उर्वरक विक्रय करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। श्याम सिंह राणा ने कहा कि हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जो पराली न जलाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपए प्रोत्साहन प्रदान करता है। साथ ही, फसल अवशेषों (पराली) को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए सब्सिडी वाले कृषि उपकरण / यंत्र भी वितरण किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि, "हमारा ध्यान किसानों को सशक्त बनाने, सब्सिडी वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और एक पर्यावरण-अनुकूल एग्रीकल्चर एनवायरनमेंट बनाने पर है।"
उल्लेखनीय है कि इससे पहले गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के 2 लाख 62 हज़ार किसानों के बैंक खातों में 300 करोड़ रुपए की बोनस राशि जारी की। यह राशि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा, हमने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोनस जारी करने की घोषणा की थी। धान के सीजन के दौरान प्रदेश में बारिश कम हुई है, जिससे किसानों की पैदावार में कमी आई है। इसलिए हमने राज्य में उगाई जा रही कृषि एवं बागवानी फसलों के लिए किसानों को प्रति एकड़ 2000 रुपए बोनस दिया। इसके लिए सरकार ने दूसरी किस्त के रूप में 300 करोड़ रुपए किसानों के बैंक खाते में जारी किए। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से घोषित सूखा राहत योजना के तहत अब 90 करोड़ रुपए का बोनस जारी किए गए हैं। हरियाणा सरकार की ओर से कुल 1380 करोड़ रुपए की बोनस राशि किसानों को दी जानी है।
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