Sugarcane Price Payment 2024-25 : गन्ना उत्पादक किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में वृद्धि करने से लेकर किसानों को बकाया गन्ने मूल्य (outstanding sugarcane price) का भुगतान किया जा रहा है, ताकि गन्ने की खेती (sugarcane farming) को प्रोत्साहित किया जा सके। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों (sugarcane producing farmers) को 23,173 करोड़ रुपए से अधिक राशि का गन्ना मूल्य भुगतान किया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (mukhyamantri yogi adityanath) ने बुधवार को राजधानी लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक में सीएम ने गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और विभागीय अधिकारियों को उनके क्रियान्वयन के लिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों को प्रशिक्षण (Training) देने के साथ-साथ चीनी मिलों के प्रबंधन को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (mukhyamantri yogi adityanath) ने कहा कि किसानों का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गन्ना किसानों के प्रति गंभीरता से काम किया जाए। प्रत्येक जनपद में मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) को प्रशिक्षण दिया जाए। इसमें स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों को भी जोड़ा जाए। बैठक में गन्ना मूल्य भुगतान (Sugarcane price payment) की स्थिति पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि गन्ना पेराई सत्र 2024-25 में अब तक 23,173 करोड़ रुपए से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान (Sugarcane price payment) किया जा चुका है, जो कुल देय का 82 प्रतिशत है। पिछले आठ वर्षों में 46.50 लाख गन्ना किसानों को कुल 2,80,223 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया, जो 1995 से मार्च 2017 (22 वर्ष) तक हुए कुल भुगतान से 66,703 करोड़ रुपए अधिक है।
मुख्यमंत्री योगी ने इस उपलब्धि को सराहा और विभागीय अधिकारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने चीनी मिलों में टिश्यू कल्चर पद्धति (tissue culture method) से गन्ने की नई प्रजाति का बीज तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि गन्ने की उत्पादकता दर (Productivity of Sugarcane) में वृद्धि हो सके। साथ ही सीएम ने गन्ना उत्पादकता को बढ़ाने के लिए नई गन्ना प्रजातियों का आच्छादन तेजी से किए जाने की बात कही। उन्होंने सहकारी चीनी मिलों में प्रबंधन की जवाबदेही तय करने और उन्हें लाभकारी बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने का निर्देश भी दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों में गन्ना किसानों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने इससे संबंधित सहकारी गन्ना विकास समितियों (Sugarcane Co-operative Development Societies) को निर्देश दिया कि वे किसानों के बैठने की व्यवस्था, पेयजल की सुविधा और सस्ती कैंटीन की व्यवस्था करें। इसके साथ ही, गन्ना समितियों (Sugarcane Societies) द्वारा किए जाने वाले कार्यों का लोकार्पण जनप्रतिनिधियों से कराया जाए। उन्होंने गन्ना फसलों में कीट और बीमारियों के प्रभावी रोकथाम के लिए भी व्यवस्था बनाने के लिए कहा। समय पर इस पर नियंत्रण किया जाए, जिससे गन्ना उत्पादकता और उत्पादन में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री योगी ने गन्ना शोध केंद्रों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में भी कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने गन्ना शोध केंद्र शाहजहांपुर, सेवरही और मुजफ्फरनगर का सुदृढ़ीकरण करने और इन केंद्रों में तकनीकी स्टाफ एवं वैज्ञानिकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा। इसके साथ ही, उन्होंने चीनी मिलों को इंटीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित करने की बात की, जिससे चीनी उद्योग को और मजबूती मिले। सहकारी चीनी मिल संघ और उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम के अंतर्गत संचालित चीनी मिलों में स्वच्छ छवि वाले अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारियों की नियुक्ति इस तरह से की जाए कि चीनी मिलें निरंतर लाभप्रदता की स्थिति में रहें।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि किसानों के लाभ के लिए लगातार काम करें और यह सुनिश्चित करें कि किसानों को समय पर गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाए। मुख्यमंत्री द्वारा की गई इस समीक्षा बैठक में गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी, किसानों के प्रशिक्षण, नई गन्ना प्रजातियों का विकास, बुनियादी सुविधाओं का विस्तार और चीनी मिलों का सुदृढ़ीकरण जैसे कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जो गन्ना किसानों के हित के लिए लाभकारी होने वाले हैं। इससे राज्य में गन्ना उत्पादन और किसान कल्याण में नई दिशा मिलेगी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पेराई सत्र 2024-25 में गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) अगेती किस्मों के लिए प्रति क्विंटल 370 रुपए अपरिवर्तित रखा है, जबकि गन्ने की सामान्य किस्मों के लिए एसएपी ₹ 360 प्रति क्विंटल पर अपरिवर्तित तय किया गया है। चीनी सीजन अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। बता दें कि राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) वह दर है, जिस पर राज्य की निजी एवं सहकारी चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में भी गन्ने का एसएपी यानी राज्य परामर्श मूल्य की अपनी-अपनी दरें हैं।
यूपी ( उत्तर प्रदेश) देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है। इसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान है। देश में सबसे अधिक निजी चीनी मिलें भी उत्तर प्रदेश में ही है। यहां पर कुल 120 चीनी मिल हैं, जिनमें से निजी क्षेत्र में 93 चीनी मिलें हैं, जिसके बाद सहकारी क्षेत्र में 24 मिलें हैं और उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम (यूपीएसएससी) में 3 यूनिट हैं। उत्तर प्रदेश में लगभग 50 लाख किसान परिवार सीधे तौर पर गन्ने की खेती से जुड़े हुए हैं और चीनी, इथेनॉल, गुड़ आदि समेत अन्य गन्ना उप-उत्पाद प्रदेश में ₹ 50,000 करोड़ से अधिक की वार्षिक अर्थव्यवस्था पैदा करते हैं ।
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