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गन्ना किसानों को समय पर भुगतान, चीनी मिलों को दिए निर्देश

गन्ना किसानों को समय पर भुगतान, चीनी मिलों को दिए निर्देश
पोस्ट -07 मई 2025 शेयर पोस्ट

सरकार ने गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी लाने और कार्य दिवस बढ़ाने के लिए चीनी मिलों को दिए निर्देश

Sugarcane Production in UP :  गन्ना उत्पादक किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। गन्ने का उत्पादन बढ़ाने एवं उपज के लिए समय से भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए कड़े फैसले भी लिए जा रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी लाने और कार्य दिवस बढ़ाने के लिए चीनी मिलों और समितियों को कार्य दिवस बढ़ाने के लिए निर्देश दिए हैं। योगी सरकार के नए फैसले से गन्ना किसानों को समय पर गन्ने के मूल्य का भुगतान मिलेगा, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और वे अधिक उत्पादन के प्रेरित होंगे। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गन्ना विकास (Sugarcane Development) के लिए किसान, केवीके, चीनी मिलें और समितियां संयुक्त प्रयास करें। पिछले 8 सालों में 2,85,994 करोड़ का भुगतान, 22 वर्षों के मुकाबले 72,474 करोड़ अधिक-चीनी मिलों के कार्यदिवस 142 दिन से बढ़ाकर 155 करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। बैठक में विभागीय प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गन्ना मूल्य भुगतान, उत्पादकता, आधारभूत संरचना, रोजगार और भावी योजनाओं की जानकारी दी गई। 

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किसानों को समयबद्ध भुगतान (Timely payments to farmers)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Mukhyamantri Yogi Adityanath) ने कहा है कि चीनी मिलों को गन्ना खरीद के लिए आवंटित कमांड एरिया का निर्धारण उनके द्वारा किसानों को किए जा रहे गन्ना मूल्य भुगतान (Sugarcane price payment) के रिकॉर्ड के आधार पर किया जाए। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि किसानों को समयबद्ध भुगतान मिले। उन्होंने निर्देश दिए है कि जो मिलें भुगतान में देरी या लापरवाही करें, उनके विरुद्ध सख्ती होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर गन्ना उत्पादन के लिए किसानों को उन्नत किस्म के बीज समय पर उपलब्ध हों, यह सुनिश्चित करना जरूरी है।  कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), चीनी मिलों और गन्ना समितियों को इसके लिए मिलकर कार्य करना होगा।  

कोऑपरेटिव और फेडरेशन मिलों की गहन समीक्षा (In-depth review of cooperative and federation mills)

मुख्यमंत्री योगी नाथ ने कहा कि मिल प्रतिनिधियों, समिति पदाधिकारियों और केवीके के अधिकारियों को खेतों का दौरा कर फसल का अवलोकन करना चाहिए और किसानों से संवाद बनाए रखना चाहिए। इसके अलावा, किसान गोष्ठियों में मंत्रियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने गन्ना समितियों को और सशक्त करने की आवश्यकता भी जताई। उन्होंने वर्तमान 142 कार्य दिवसों को बढ़ाकर 155 दिन करने की जरूरत बताई, साथ ही, कोऑपरेटिव व फेडरेशन की चीनी मिलों की गहन समीक्षा के निर्देश दिए। उनके निर्देशानुसार इन मिलों की उत्पादन क्षमता के साथ-साथ वहां कार्यरत कार्मिकों की योग्यता का भी आकलन किया जाएगा। 

किसानों को 2,85,994 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान (Sugarcane price payment of Rs 2,85,994 crore to farmers)

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने मिल वाइज अद्यतन गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति की भी समीक्षा की। जानकारी दी गई कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अब तक 2,85,994 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है, जो  वर्ष 1995-2017 के 2,13,520 करोड़ रुपए की तुलना में 72,474 करोड़ रुपए अधिक है। वर्ष 2024-25 में निर्धारित 34,466.22 करोड़ रुपए में से 83.8 प्रतिशत यानी 28,873.55 करोड़ रुपए का भुगतान 2 मई तक संपन्न हो चुका है। मुख्यमंत्री ने भुगतान चक्र को और सुचारु बनाने के निर्देश दिए, जिससे सभी किसानों को शीघ्र और पूर्ण भुगतान मिल सके। गन्ने के क्षेत्रीय विस्तार की जानकारी देते हुए बताया गया कि वर्ष  2016-17 में गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, जो 2024-25 में बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसी अवधि में उत्पादकता भी 72.38 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 84.10 टन/हेक्टेयर तक पहुंची है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उत्पादन और उत्पादकता में दो गुना वृद्धि की पूरी संभावना है, अगर सुनियोजित प्रयास किए जाएं। 

एथेनॉल उत्पादन से किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास (Efforts to increase the income of farmers through ethanol production)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों के हित में पारदर्शिता, समयबद्धता और तकनीक आधारित नवाचार को सरकार की प्राथमिकता बताया और सभी संबंधित पक्षों को इस दिशा में आवश्यक प्रयास करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य में 45 जिलों में संचालित 122 चीनी मिलें, 236 खांडसारी इकाइयां, 8,707 कोल्हू इकाइयां, 65 कोजेन इकाइयां और 44 डिस्टिलरी इकाइयां सक्रिय हैं, जिनकी कुल क्रशिंग क्षमता 7,856 केएलपीडी है। इन इकाइयों से प्रदेश में प्रत्यक्ष रूप से 9.81 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। एथेनॉल उत्पादन के संदर्भ में बताया गया कि 2023-24 में राज्य की 102 सक्रिय डिस्टिलरियों से 150.39 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ है। साथ ही, निजी निवेश से 6,771.87 करोड़ रुपये की लागत से अतिरिक्त 105.65 करोड़ लीटर उत्पादन क्षमता स्थापित की जा रही है। सीएम ने इस पहल को ऊर्जा सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अत्यंत लाभकारी बताया और ईंधन मिश्रण में एथेनॉल अनुपात बढ़ाने की योजनाओं को शीघ्र क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।

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