भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के साथ-साथ पशुपालन का भी खास योगदान रहता है। देश के लाखों किसान पशुपालन व्यवसाय से अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। पशुओं की नस्ल के अनुसार इनकी कीमत होती है, वहीं पशुओं की देखभाल करना और उसे अन्य पशुओं से खास बनाना भी पशु मालिकों के हाथ में होता है लेकिन यह हर पशुपालक नहीं कर सकता। आज आपको एक ऐसे पशु के बारे में बताएंगे जिसकी चर्चा भारत ही नहीं विदेशों तक होने लगी है। यह है 9 करोड़ रुपये कीमत का अजब-गजब भैंसा। इसका वजन 1500 kg है और नाम है युवराज। युवराज के मालिक कर्मवीर इससे लाखों रुपये की कमाई करते हैं। इस भैंसे को देश के कई पशु मेलों में प्रदर्शन के लिए ले जाया जा चुका है। यह जहां भी ले जाया जाता है इसे देखने के लिए अच्छी खासी भीड़ भी जमा हो जाती है। जो भी इस भैंसे को देखता है और इसकी कीमत सुनता है तो वह दंग रह जाता है। ट्रैक्टर गुरू की इस पोस्ट में इस बेशकीमती भैंसे की पूरी जानकारी दी जा रही है।
भारत का सबसे महंगा भैंसा युवराज को जहां भी उसके मालिक द्वारा पशु मेलों में ले जाया जाता है वहां उसकी बोली लग जाती है। वर्ष 2017 में उसकी कीमत 7 करोड़ लगी थी। वर्तमान में यह कीमत बढ़ कर 9 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इस भैंसे को पाला है हरियाणा निवासी कर्मवीर ने जो पिछले दिनों इसे राजस्थान के उदयपुर में आयोजित होने वाले किसान कुंभ में ले गए थे। यहां इस भैंसे को देखने के लिए जबर्दस्त भीड़ उमड़ पड़ी। युवराज भैंसे ने इस किसान कुंभ मेले की रौनक बढ़ा दी। भैंसा मालिक कर्मवीर का कहना था कि इसकी कीमत 9 करोड़ रुपये तक लग चुकी है लेकिन वे इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने इसे बड़े प्यार से पाला है। इससे उनकी लाखों रुपये की कमाई भी हो रही है। यह भैंसा कोई साधारण नहीं मुर्रा नस्ल का है। इसकी लंबाई 9 फुट और ऊंचाई 6 फुट है। इसका वजन 1500 kg तक हो गया है। कर्मवीर ने यह भैंसा पंजाब कृषि मेले से खरीदा था। इसे उसने बड़े जतन से पाला है।
युवराज भैंसे के मालिक के अनुसार इसकी खुराक के लिए रोजाना करीब 20-22 लीटर दूध और लगभग इतनी ही अन्य जरूरी खाद्य-सामग्री चाहिए। खाने-पीने के बाद युवराज रोजाना 4 km की सैर करता है। इसके खान-पान पर प्रतिमाह 30 हजार रुपये ज्यादा का खर्च हो जाता है।
भारत का सबसे महंगा भैंसा उसके मालिक को लाखों रुपये सालाना की कमाई कराता है। यह भैंसा मुर्रा नस्ल का है इसलिए इसके स्पर्म की मांग पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान के पशुपालकों में रहती है जो मुर्रा नस्ल की भैंस पालना पसंद करते हैं।
पशुपालन तो लाखों किसान करते हैं लेकिन जिस तरह से हरियाणा के कर्मवीर ने अपने भैंसे को पाला है वैसा बहुत कम पशुपालक कर सकते हैं। इस संबंध में पशुपालन विशेषज्ञों का कहना है कि पशुपालन के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। पशुओं के खाने-पीने से लेकर सेहत संबंधी हर बात का ध्यान रखा जाता है। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है इनके रहने का स्थान सही हो। मौसम में परिवर्तन के कारण पशुओं की सेहत पर असर पड़ता है। सर्दी, गर्मी और बारिश में इन्हे ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है।
आप यदि पशुपालन करते हैं तो इनकी देखभाल उतनी ही जरूरी है जैसे इंसानों की। पशु विशेषज्ञों के अनुसार पशुओं को विटामिन ए, डी, ई, सी, बी कॉम्प्लैक्स आदि से भरपूर आहार देना चाहिए। इसके अलावा कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीनिशयम, पोटेशियम, सोडियम, आयोडीन, जिंक, सेलेनियम, चूना आदि भी पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं। इसके साथ ही समय-समय पर पशुओं को पर्याप्त पानी पिलाना चाहिए। जहां तक हो सके माह में एक बार अपने पालतू पशु को चिकित्सालय ले जाकर पशु चिकित्सक से चेक कराएं।
पशुओं में जब पोषक तत्वों की कमी आ जाती है तो कई प्रकार के रोग हो जाते हैं जैसे कैल्शियम की कमी से रिकेट्स रोग होता है जिसमें हडि्डयां कमजोर हो जाती हैं। इसी तरह आयोडीन की कमी से थॉयराइड ग्रंथियों की समस्या आती है। जिंक की कमी से पेट संबंधी बीमारी या संक्रमण बढ़ जाता है।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y