Nano Urea Plus : किसानों को मिलेगा नैनो यूरिया का अपग्रेड वर्जन, फसलों में मिलेगा फायदा

पोस्ट -19 अप्रैल 2024 शेयर पोस्ट

नैनो यूरिया प्लस : सरकार ने नैनो यूरिया के नए अवतार को दी मंजूरी, जानिए फसलों में क्या होगा फायदा

NANO UREA PLUS : खेती में फसलों से बेहतर गुणवत्ता युक्त पैदावार लेने और पौधों की सही ढंग से बढ़वार के लिए यूरिया, कैल्शियम अमोनियम नाईट्रेट, एमोनियम सल्फेट और सिंगल सुपर फास्फेट जैसे रासायनिक खाद-उर्वरक का प्रयोग किसानों द्वारा किया जाता है। खासकर यूरिया उर्वरक (Urea Fertilizer) का, क्योंकि यूरिया (urea) पौधे की बढ़वार के लिए नाइट्रोजन की बेहतर आपूर्ति करने में मुख्य भूमिका निभाता है। देश में हर फसल सीजन में बड़ी मात्रा में यूरिया उर्वरक आयात (Import) करना पड़ता है, ताकि घरेलू मांग की आपूर्ति की जा सके। हालांकि, देश के रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-आईआईसीटी) के वैज्ञानिकों द्वारा नैनो टेक्नोलॉजी आधारित नैनो लिक्विड यूरिया तैयार किया, जिससे यूरिया उत्पादन में देश को कुछ हद तक आत्मनिर्भर कर दानेदार यूरिया के आयात प्रतिशत में कमी की है। 

इस बीच नैनो यूरिया (Nano Urea) का उपयोग करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है। सरकार ने नैनो लिक्विड यूरिया के बाद अब नैनो यूरिया प्लस को मंजूरी प्रदान कर दी है। किसानों को अब नैनो यूरिया, नैनो यूरिया प्लस अपग्रेड वर्जन में मिलेगा। नैनो यूरिया प्लस, नैनो यूरिया (Nano Urea) का नया अपग्रेड संस्करण है, जो पौधे के विकास के विभिन्न चरणों में नाइट्रोजन की बेहतर आपूर्ति और पोषण प्रदान करेगा। भारत सरकार द्वारा नैनो यूरिया प्लस को 3 वर्षों तक के लिए मंजूरी दी है। इस अधिसूचना के बाद अगले सप्ताह से इसका उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही किसानों को बाजार में नया नैनो यूरिया प्लस भी मिलने लगेगा। 

इसलिए किया है नैनो यूरिया को अपग्रेड

देश की प्रमुख सहकारी उर्वरक निर्माता इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के नैनो तरल यूरिया के इस उन्नत संस्करण को केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। भारत सरकार ने नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) को तीन साल के लिए नोटिफाई कर अधिसूचना जारी कर दी है। इसलिए अगले एक सप्ताह में नैनो यूरिया प्लस का उत्पादन शुरू हो जाएगा। नैनो तरल यूरिया की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे थे, ऐसे में इसका नया वर्जन नैनो यूरिया प्लस महत्वपूर्ण है। बताया जा रहा है कि इफको ने फसलों पर इसका प्रभाव बढ़ाने के लिए इसे अपग्रेड किया है, जिससे ऐसे सवालों का जवाब दिया जा सके।

फसलों की वृद्धि में निभाएगी मुख्य भूमिका

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ( एनडीआरआई) के कृषि विज्ञान केंद्र में इफको की ओर से नैनो यूरिया उर्वरक जागरूकता अभियान के तहत सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रबंधकों, विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें बताया गया कि नैनो यूरिया को अब नई ताकत के साथ अपग्रेड कर लांच किया गया है, जो फसलों को नए और गहरे रंग के साथ उनकी वृद्धि में मुख्य भूमिका निभाएगी। इस मौके पर कृषि विभाग के गुणवता नियंत्रक निरीक्षक डा. सुनील बजाड बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। कृषि विज्ञान केंद्र के डा. मनीष विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। डॉ. निरंजन सिंह यादव ने सहकारी समितियों के प्रबंधकों, विक्रेताओं को कृषि से संबंधित आधुनिक तकनीक व कृषि आदानों की बिक्री की योजना बताई।

नैनो यूरिया  क्रांतिकारी कृषि-इनपुट

बता दें कि नैनो यूरिया इफको का एक नैनो टेक्नोलॉजी आधारित क्रांतिकारी कृषि-इनपुट है। यह पौधों को नाइट्रोजन बेहतर ढंग से  प्रदान करता है। पारंपरिक यूरिया प्रिल की तुलना में, इसका वांछनीय कण आकार लगभग 20-50 एनएम और अधिक सतह क्षेत्र (1 मिमी यूरिया प्रिल से 10,000 गुना अधिक) और कणों की संख्या (1 मिमी यूरिया प्रिल से 55,000 नाइट्रोजन कण) में अधिक होता है। इफको अब तक 500 एमएल वाली 6 करोड़ से अधिक नैनो यूरिया की बोतलें किसानों को बेच चुका है। 
इफको ने 31 मई 2021 को नैनो यूर‍िया लॉन्च क‍िया था। सबसे पहले गुजरात के कलोल प्लांट से इसका उत्पादन शुरू किया गया था। इसे पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले दानेदार यूरिया से अलग स्प्रे करना पड़ता है। वहीं, इफको ने अपने इस प्रोडक्ट को अपग्रेड करते हुए नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) फॉर्मूलेशन दिया है। बहरहाल, अब देखना है कि इफको का नया नैनो यूरिया प्लस वर्जन किसानों को कितना लुभाता है। 

नया नैनो तरल यूरिया प्लस उपज में करेगा वृद्धि

इफको के एमडी एवं सीईओ डॉ. यूएस. अवस्थी ने सोशल मीडिया एक्स प्लेटफार्म पर जानकारी साझा करते हुए पोस्ट किया कि “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इफको के नैनो यूरिया प्लस (तरल) 16 प्रतिशत एन w/w व जो 20 प्रतिशत एन w/v के बराबर है, को भारत सरकार द्वारा तीन वर्ष की अवधि के लिए अधिसूचित किया गया है।” उन्होंने आगे बताया कि इफको नैनो यूरिया प्लस, नैनो यूरिया का एक उन्नत संस्करण है, जो पौधे के विकास के विभिन्न चरणों में नाइट्रोजन की बेहतर आपूर्ति और पोषण प्रदान करता है। अवस्थी ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक यूरिया और अन्य नाइट्रोजन उर्वरकों की जगह इसका प्रयोग किया जा सकता है। यह सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता और दक्षता को भी बढ़ाता है। यह क्लोरोफिल चार्ज करते हुए उपज वृद्धि और स्मार्ट खेती में मदद करता है।

दानेदार यूरिया के एक बोरे (45 किलो) के बराबर है नैनो यूरिया

नैनो यूरिया की 500 एमएल की एक बोतल दानेदार यूरिया के एक बोरे (45 किलो) के बराबर कार्य करता है। नैनो डीएपी भी नैनो तकनीकी पर आधारित है व इसकी 500 मिली की आधी बोतल को बीज उपचार/जड़ उपचार/कंद उपचार बिजाई के समय उपयोग करें व आधी बोतल को 30-35 दिन बाद फसल पर 125 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करकर उपयोग करें। इफको ने अभी नैनो यूरिया प्लस की कीमत में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। किसानों को नैनो यूरिया (Nano Urea ) का नया वर्जन (500 मिली) की एक बोटल 225 रुपए की दर से ही उपलब्ध करवाई जा रही है। 

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