मुर्गी पालन : जानें, गर्मी के मौसम में मुर्गियों की मृत्युदर कम करने का तरीका

पोस्ट -02 जून 2022 शेयर पोस्ट

मुर्गी पालन व्यवसाय: गर्मी के मौसम में करे ये खास उपाय, होगी व्यवसाय में अधिक कमाई  

इस महंगाई के दौर में कम समय और लागत पर अधिक पैसा कमाना कौन नहीं चाहता है। लेकिन कोई भी व्यवसाय शुरू करने के लिए अधिक लागत, समय और जगह की जरूरत होती है, जो की हर व्यक्ति के पास संभव नहीं होता है। ऐसे में लोग नौकरी की तलाश में गांव छोड़कर शहर की तरफ अपना रूख कर रहे हैं। लेकिन देखा जाए तो आज के इस आधुनिक समय में खेती के साथ-साथ पशुपालन और मुर्गीपालन के व्यवसाय से काफी मोटी कमाई कर सकते हैं। देश के कई  किसान खेती-बाड़ी के अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन और मछली पालन आदि का बिजनेस कर अच्छी खासी साईड इनकम कमा रहे है। क्योंकि इस काम को कम जगह व खर्च में करके तुरंत लाभ प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे किसान जिनके पास कम जमीन है या फिर वैसे लोग जो भूमिहीन हैं, वो इस काम को करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप भी अपने गांव में रहकर खेती-बाडी के साथ-साथ मुर्गी पालन के व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है, तो इसकी सही जानकारी के बारे में आपको पता होना बेहद जरूरी है। ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको मुर्गी पालन व्यवसाय से संबंधित जानकारी एवं मुर्गी पालन में गर्मी के मौसम से मुर्गी की सुरक्षा, संतुलित आहार और रखरखाव की जानकारी को साझा कर रहे हैं। ताकि आप मुर्गी पालन व्यवसाय से चार गुना अधिक मुनाफा कमा सके।

मुर्गी पालन व्यवसाय 

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छोटे किसान खेती -बाड़ी के साथ पशुपालन, मुर्गीपालन जैसे कार्य करते है, और मुर्गी पालन व्यवसाय से अतिरिक्त कमाई करते है। इसमें कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे स्तर पर मुर्गी पालन का व्यवसाय किया जा सकता है और अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सकता है। मुर्गी पालन का व्यवसाय अधिकतर अंडे एवं मांस उत्पादन के लिए किया जाता है क्योकि देशी मुर्गी के अंडे तथा मांस में मानव पोषण के लिए सबसे आवश्यक तत्व, प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। भारत में दिन-प्रतिदिन मुर्गी पालन के व्यवसाय का प्रचलन बढ़ता जा रहा है भारत अंडो के उत्पाद में तीसरे नंबर पर और मांस के उत्पाद में पांचवें नंबर पर है। ऐसे में सरकार द्वारा पशुपालन, मुर्गी पालन बिजनेस के लिए सब्सिडी भी देती है।  

मुर्गी पालन व्यवसाय में गर्मी के मौसम में ऐसे करे देखभाल

खेती के साथ पशुपालन और मुर्गीपालन को महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसमें कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है परंतु इसमें आपकी मेहनत और लगन पर सब कुछ निर्भर है क्योंकि इनमे संक्रमण एवं गर्मी के मौसम में मुर्गी के मुर्गी के मुत्यु का खतरा बहुत अधिक होता है। इसीलिये आप जितनी मेहनत से और अच्छे से इनकी देखभाल करेंगे इनसे उतना ही अधिक लाभ होगा। आपको बता दें कि गर्मियों के मौसम में मुर्गियों की मृत्यु दर बहुत बढ़ जाती है। साथ ही गर्मी में मुर्गियों को आहार कम मिलने से अंडा देने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसके अलावा जो मुर्गी अंडे देती है उनके अंडों के आकार बहुत छोटे और आवरण कमजोर व पतला होता है। मुर्गी पालकों को गर्मी के मौसम में अपनी मुर्गियों के खाने-पीने का बहुत ही ध्यान रखना चाहिए।

गर्मी के मौसम में मुर्गियों के आहार में प्रोटीन, विटामिन व मिनरल की मात्रा अधिक देनी चाहिए। इसके अलावा मुर्गियों के अंडे छोटे व छिलका पतला होने के बचाव के लिए आपको उनके आहार में कैल्शियम की मात्रा को पहले के मुकाबले बढ़ाना होगा। इसके लिए मुर्गी के दाने में ऑस्टो कैल्शियम लिक्विड पानी के साथ दिया जाना चाहिए।

मुर्गियों के लिए गर्मी के मौसम करे उचित तापमान की व्यवस्था 

मुर्गियों को गर्मी के मौसम में बचाकर रखना होता है। क्योंकि गर्मी के मौसम में मुर्गियों की मुत्युदर बढ़ जाती है। साथ ही गर्मी के मौसम में मुर्गियां आहार खाना कम करती है। जिससे मुर्गियों को संतुलित आहार नहीं मिल पाता और उनकी मुत्यु हो जाती है। साथ ही अंडा देने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसके अलावा जो मुर्गी अंडे देती है उनके अंडों के आकार बहुत छोटे और आवरण कमजोर व पतला होता है। जिससे मुर्गी पालकों को बहुत हानि का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति से बचाव के लिए मुर्गीपालकों को गर्मी के मौसम में उचित तापमान की व्यवस्था करनी चाहिए। मुर्गियों के लिए गर्मी के मौसम में तापमान को लगभग 60 डिग्री से 80 डिग्री के बीच वाले स्थान पर रखना चाहिए। इस तापमान में मुर्गी का पालन पोषण अच्छे से किया जा सकता है।

मुर्गी पालन का फायदा

मुर्गी पालन व्यवसाय में मुर्गी के रखरखाव एवं खाने-पीने पर कोई खास खर्च नही आता है। साथ ही ग्रामीण परिवारों के लिए उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन स्रोत उपलब्ध हो जाता है एवं कुछ मात्रा में मांस व अंडा बेच लेने से परिवार को अतिरिक्त आमदनी हो जाती है। इसके साथ ही साथ मुर्गियों के कूड़े से खेतों को उपजाऊ भी बनाया जा सकता है क्योकि जितना एक गाय के गोबर से एक खेत को उपजाऊ बनाया जा सकता है उतना ही 40 मुर्गियों के बिष्ठों से एक खेत को उपजाऊ बनाया जा सकता है। अगर मुर्गी पालन में सही प्रजाति के चूजे, देखभाल, पौष्टिक आहार, बीमारियों से बचने का टीका एवं साफ सफाई सही ढंग से किया जाए तो एक बेहतर आय बनाई जा सकती है।

मुर्गियों की सुरक्षा के आवश्यक उपाय

  • मुर्गियों के आवास का द्वार पूर्व या दक्षिण पूर्व की ओर होना अधिक ठीक रहता है जिससे तेज चलने वाली पिछवा हवा सीधी आवास में न आ सके।

  • आवास के सामने छायादार वृक्ष लगवा देने चाहिए ताकि बाहर निकलने पर मुर्गियों को छाया मिल सके।

  • आवास का आकार बड़ा होना चाहिए ताकि उसमें पर्याप्त शुद्ध हवा पहुंच सके और सीलन न रहे।

  • मुर्गियां समय पर चारा चुग कसे इसलिए बड़े-बड़े टोकरे बनाकर रख लेने चाहिए। 

  • मुर्गी फार्म की मिट्टी समय-समय पर बदलते रहना चाहिए और जिस स्थान पर रोगी कीटाणुओं की संभावना हो वहां से मुर्गियों को हटा देना चाहिए।

  • एक मुर्गी फार्म से दूसरे मुर्गी फार्म में दूरी रहनी चाहिए। साथ ही पानी की उचित व्यवस्था करें। मुर्गियों को पानी की बहुत ही जरूरी होता है। अगर आप गर्मी के मौसम में मुर्गी के व्यवसाय से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो ऐसे स्थान का चुनाव करें जहां पानी उनके लिए उचित मात्रा में हो। 

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