प्रत्येक पशुपालक की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने, पशुपालन क्षेत्र को विकसित करने तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने प्रदेश के पशुपालकों की सुविधा और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य के हर जिले में चरणबद्ध तरीके से पशु मेलों का आयोजन किया जाएगा, जिससे पशुपालक किसान अब अपने जिले में ही उन्नत नस्ल के पशु खरीद सकते हैं। सरकार की इस पहल का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को उनके नजदीक ही उच्च नस्ल के पशुओं और नवीनतम पशुपालन तकनीकों की जानकारी उपलब्ध कराना है। प्रथम चरण के लिए 11 जिलों का चयन किया गया है, जिनमें लगने वाले मेले की तिथियां और स्थान भी तय कर दिया है। आइए, इन जिलों आयोजित होने वाले जिला स्तरीय मेलों के शेड्यूल और स्थान के बारे में जानते हैं।
राज्य के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने जोराराम कुमावत ने इस संबंध पर जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में चरणबद्ध तरीके से पशु मेलों का आयोजन किया जाएगा, जिसके प्रथम चरण हेतु 11 जिलों का चयन किया गया है। इसके माध्यम से छोटे किसानों और पशुपालकों तक उच्च नस्ल के पशुओं की पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि अब तक हर साल राज्य में 10 राज्य स्तरीय पशु मेलों का आयोजन किया गया था, जो कला, संस्कृति, पशुपालन और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। देश-विदेश के हजारों लाखों पर्यटक इसमें सम्मिलित होते है और लोक कला एवं ग्रामीण संस्कृति से रूबरू होते हैं। लेकिन इन मेलों में दूरदराज क्षेत्रों के छोटे पशुपालकों और किसानों की भागीदारी सीमित होती है, जिससे उनके पास उच्च नस्ल के पशुओं की जानकारी तथा पशुपालन से संबंधित तकनीकों की जानकारी पहुंचने में वक्त लग जाता है, जिससे उन्हें इसका लाभ देर से मिलता है।
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि सरकार ने इन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए जिला स्तरीय पशु मेलों का आयोजन भी शुरू करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने अपने पहले ही बजट में इसकी घोषणा की थी, जिसे अब चरणबद्ध तरीके से अमली जामा पहनाया जा रहा है। पहले चरण में 11 जिलों में जिला स्तरीय मेले आयोजित होंगे, जिनमें जोधपुर, जैसलमेर, जयपुर, चुरू, बीकानेर, उदयपुर, राजसमंद, पाली, सिरोही, झुंझुनूं और जालोर जिलों के लिए इन मेलों की तिथियां और स्थान भी घोषित कर दिए गए हैं। चुरू जिले के तालछापर में पहला मेला सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है।
जिला | स्थान | पशु मेला का नाम | आयोजन तिथि |
झुंझुनूं | नवलगढ़ – बदराना | बदराना पशु मेला | 8 – 17 सितंबर 2025 |
राजसमंद | रेलमगरा – समेलिया महादेव | समेलिया महादेव पशु मेला | 13 – 17 सितंबर 2025 |
जयपुर | तूंगा – देवगांव | नैनाथ पशु मेला | 6 – 10 अक्टूबर 2025 |
जैसलमेर | पोकरण – रामदेवरा | बाबा रामदेव पशु मेला | 20 – 24 जनवरी 2026 |
जोधपुर | बड़ली – केरू पंचायत समिति | भैरूजी पशु मेला | 28 जनवरी – 1 फरवरी 2026 |
बीकानेर | लूणकरणसर | लूणकरणसर पशु मेला | 7 – 12 फरवरी 2026 |
पाली | सांडेराव | श्रीनिंबेश्वर महादेव पशु मेला | 15 – 19 फरवरी 2026 |
जालोर | सायला | मां कात्यायनी देवी पशु मेला | 15 – 19 फरवरी 2026 |
उदयपुर | खेमली – जूनावास | अंजना माता पशु मेला | 16 – 20 फरवरी 2026 |
सिरोही | रेवदर – मंडार | लीलाधारी महादेव पशु मेला | 25 फरवरी – 1 मार्च 2026 |
सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पशुधन विकास को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इन जिला स्तरीय पशु मेलों में पशुपालकों को नस्ल सुधार, चिकित्सा परामर्श, पशु खरीद-फरोख्त और पशुपालन की आधुनिक तकनीकी जानकारी का लाभ मिलेगा।
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