Krishi Yantra Subsidy : भारत में धान / गेहूं की कटाई के लिए हार्वेस्टर मशीनों का उपयोग काफी ज्यादा होने लगा है, जिससे खेत में 50 प्रतिशत फसल के अवशेष (पुआल/नरवाई) बच जाते हैं। किसान खेत को अगली फसल के लिए खाली करने के लिए इस पुआल (भूसा) को जला देते हैं। बड़े पैमाने पर खेतों में फसल के कचरे (भूसा, तना, डंठल, पत्ते) में आग लगाने से वातावरण प्रदूषित होता है और मृदा की उर्वरक क्षमता भी नष्ट होने लगती है। देश के अधिकतर कृषि प्रधान राज्यों में यह बड़ी समस्या बन गई है। ऐसे में कृषि यंत्रों/मशीनों के माध्यम से खेत में फसल अवशेष प्रबंधन सबसे अच्छा तरीका साबित हो रहा है। हालांकि, फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित उपयोगी कृषि यंत्रों काफी महंगे होते हैं, जिससे चलते छोटे और सीमांत किसानों के लिए इन्हें खरीदना काफी मुश्किल होता है। किसानों की इस मुश्किल को आसान बनाने के लिए बिहार सरकार ने एक बड़ी पहल की है। राज्य सरकार स्ट्रॉ रीपर (Straw Reaper) और स्ट्रॉ बेलर (Straw Baler) जैसे फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों पर किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। ऐसे में फसल अवशेषों का बेहतर प्रबंधन चाहने वाले किसानों के पास इन कृषि यंत्रों को अनुदानित दर पर खरीदने का सुनहरा मौका है।
दरअसल, फसल कटाई के बाद खेत में जो फसल अवशेष (तना, डंठल, भूसा) बचे रहते हैं किसान इसे कचरा समझते हैं। लेकिन, खेती में बचे पुआल, नरवाई, खुंटी कूड़ा नहीं, बल्कि खेती का गहना है। इनमें नत्रजन 0.5, स्फुर 0.6 और पोटाश 0.8 प्रतिशत पाया जाता है, जो मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध को बढ़ाते है। इसलिए इन्हें जलाना नहीं है, बल्कि इसे स्ट्रॉ रीपर, भूसा जमा करने का यन्त्र (हे रेक), स्ट्रॉ बेलर, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर जैसे फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों के माध्यम से मिट्टी में मिलाना है। ऐसे में बिहार सरकार एसएमएएम-विशेष कस्टम हायरिंग सेंटर के अंतर्गत स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर जैसे फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों पर अनुदान दे रही है। अनुदान प्राप्त करने के लिए प्रगतिशील किसान, जीविका के एसएचजी/वीओ/सीएलएफ, एटीएमए द्वारा गठित किसान हित समूह (एफआईजी), नाबार्ड/राष्ट्रीयकृत बैंक से संबंधित किसान क्लब, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)/किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी), स्वयं सहायता समूह, पैक्स आवेदन कर सकते हैं।
बिहार सरकार, कृषि विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत सामान्य श्रेणी से आने वाले किसानों को कृषि यंत्र स्ट्रॉ रीपर के लिए 40 फीसदी यानी अधिकतम 1,20,000 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। वहीं अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को इस यंत्र के लिए 50 फीसदी या अधिकतम 1,50,000 रुपए तक का अनुदान मिलेगा।
बिहार सरकार कृषि विभाग द्वारा सामान्य श्रेणी के किसानों को स्ट्रॉ बेलर-रैक सहित पर 75 फीसदी या अधिकतम 2,25,000 रुपए तक अनुदान दिया जा रहा है। वहीं, स्ट्रॉ बेलर-रैक सहित पर अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को 80 फीसदी या अधिकतम 2,50,000 रुपये तक का अनुदान मिलेगा। वहीं, स्क्वॉयर बेलर/रेक्टेंगुलर बेलर पर सामान्य श्रेणी के किसानों को 40 फीसदी या अधिकतम 5,28,000 रुपए और अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को 50 फीसदी या अधिकतम 6,60,000 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।
किसान ऑनलाइन आवेदन कर इस यंत्र को अनुदानित दर पर खरीद सकते हैं। एसएमएएम- स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर के तहत खरीद किए जाने वाले फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों की सूची में ये यंत्र भी शामिल है। इच्छुक किसान ऑनलाइन आवेदन कृषि विभाग की वेबसाइट http://farmech.bihar.gov.in पर कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के संबंध में विशेष जानकारी के लिए अपने प्रखंड कृषि पदाधिकारी / सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्र) / जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।
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