Rythu Bharosa scheme : तेलंगाना के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य में किसानों को 'रायथु भरोसा योजना' (Rythu Bharosa scheme) के तहत प्रति एकड़ सालाना 12 हजार रुपए मिलेंगे। क्योंकि तेलंगाना सरकार ने योजना के तहत नकद लाभ (कैश बेनिफिट) में 2 हजार रुपए की वृद्धि की है। राज्य के किसानों के लिए ‘रायथु भरोसा’ निवेश सहायता योजना की शुरूआत 26 जनवरी 2025 से होगी। किसानों की वित्तीय समस्याओं का समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने प्रति किसान को प्रति एकड़ 12,000 रुपए सालाना देने की घोषणा की। इसके अलावा, भूमिहीन खेत मजदूरों के परिवारों के लिए नई शुरू की गई इंदिराम्मा आत्मीय भरोसा योजना (Indiramma Atmeeya Bharosa scheme) के तहत प्रतिवर्ष इतनी ही राशि मिलेगी। कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस संबंध में कहा।
'रायथु भरोसा' (Rythu Bharosa) का उद्देश्य राज्य में हर वह भूमि, जो कृषि योग्य है, उसके लिए किसानों को प्रति एकड़ 12,000 रुपये का डायरेक्ट कैश बेनिफिट प्रदान करना है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने चुनाव से पहले वादा किया था कि उनकी सरकार किसानों को प्रति एकड़ 15,000 रुपए की राशि देगी। हालांकि, राज्य की वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इसे संशोधित करते हुए 12 हजार रुपए करने की बात कही है। यह बीआरएस सरकार (BRS) की पिछली सरकार की “रायथु बंधु” (Rythu Bandhu) योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि से 2,000 रुपए ज्यादा है।
इसके अलावा, भूमिहीन कृषि मजदूरों के परिवारों को 12 हजार रुपए प्रति वर्ष दिए जाएंगे। इस नई योजना को इंदिराम्मा आत्मीय भरोसा योजना (Indiramma Atmeeya Bharosa scheme) नाम दिया गया है। सीएम ने बताया कि राज्य में राशन कार्ड की समस्या कई वर्षों से है, जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें नए राशन कार्ड दिए जाएंगे। 'रायथु भरोसा' (Rythu Bharosa) सहित ये तीनों योजनाएं 26 जनवरी 2025 से शुरू होंगी।
हर वह भूमि जो कृषि के लिए उपयुक्त है, उन सभी को रायथु भरोसा (Rythu Bharosa) के तहत कवर किया जाएगा। बिना किसी शर्त के किसानों को प्रत्येक एकड़ भूमि के लिए निवेश सहायता दी जाएगी। इस योजना का लाभ मात्र कृषि योग्य भूमि के लिए मिलेगा। कृषि के लिए अनुपयुक्त भूमि जैसे खनन, पहाड़ियों या रियल एस्टेट उपक्रमों, सड़कों, आवासीय, औद्योगिक या वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीनें, नहर-परिवर्तित भूमि या सरकार द्वारा अलग-अलग परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि रायथु भरोसा योजना के लिए पात्र नहीं होगी। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए राजस्व अधिकारियों को ग्राम स्तर पर भूमि के आंकड़े एकत्र करने का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि, भारतीय संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर योजनाओं को लागू करने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया। राज्य मंत्रिमंडल ने प्रत्येक पात्र परिवार को नए राशन कार्ड जारी करने का प्रस्ताव मंजूरी किया है। मंत्रिमंडल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुदिनी जयपाल रेड्डी के नाम पर पलामुरु-रंगा रेड्डी लिफ्ट सिंचाई योजना का नामकरण करने की स्वीकृति दी है। मंत्रिमंडल ने पुष्टि की, सिंगुर परियोजना नहर का नाम राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजनरसिम्हा के पिता और दिवंगत मंत्री राजनरसिम्हा के नाम पर रखा जा रहा है। कैबिनेट ने गोदावरी पेयजल आपूर्ति योजना चरण-2 और चरण-3 को भी मंजूरी दी, जिसके लिए पीने के पानी की जरूरतों के लिए गोदावरी नदी के पानी को मल्लन्ना सागर से हैदराबाद तक उठाया जाएगा।
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