Krishi yantra ke liye aavedan : किसान कृषि के चुनौतीपूर्ण कार्यों को तेज और अधिक कुशलतापूर्वक पूरा कर सकें, इसके लिए किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जाते हैं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जाती है। इस कड़ी में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने 12 जनवरी के दिन किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए 184 करोड़ रुपए की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की। राज्य सरकार की ओर से जारी इस राशि में फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों (Crop Residue Management Equipment) के लिए 10393 मशीनों पर 122 करोड़ रुपए का अनुदान और 62 करोड़ रुपए का बोनस शामिल है। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार प्रदेश के किसानों के हित में काम कर रही है। कृषकों को होने वाली दिक्कतों को दूर करना या फिर उनके हितों की सुरक्षा में बड़े कदम उठाना, इस पर सरकार लगातार काम कर रही है।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत सरकार कृषि यंत्र (krishi yantra) की खरीद पर 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत सब्सिडी देती है। हरियाणा कृषि एवं कल्याण विभाग द्वारा यह सब्सिडी राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जारी की जाती है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत किसान ही हरियाणा सरकार की इस अनुदान योजना के तहत यंत्रों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों पर अनुदान देने के बारे में कृषि मंत्री ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों के लिए 10393 मशीनों पर 122 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान और उन्नत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। यह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डी.बी.टी.) न केवल किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करेगा बल्कि उनके जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाएगा।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा खरीफ-2024 के दौरान प्रतिकूल मौसम की वजह से प्रभावित हुई कृषि और बागवानी फसलों के लिए 2,000 रुपए प्रति एकड़ बोनस देने का फैसला लिया गया था। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा 62 करोड़ रुपए की राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई। इस योजना के तहत अब तक 860 करोड़ रुपए की बोनस राशि 8.18 लाख किसानों के बैंक खातों में डी.बी.टी. (DBT) के माध्यम से हस्तांतरित की जा चुकी है।
बता दें कि हरियाणा सरकार का कृषि विभाग “प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेज्डयू” यानी फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना के तहत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों पर 50 फीसदी सब्सिडी उपलब्ध कराता है। विभाग द्वारा इसके लिए समय-समय पर इस योजना के तहत किसानों से आवेदन मांगे जाते हैं। हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेज्डयू (सीआरएम) योजना के तहत किसानों से आवेदन लिए गए थे। आवेदन प्रक्रिया 4 अगस्त, 2024 तक चली थी। इस दौरान, प्रदेश के विभिन्न जिलों के किसानों ने मिनी बेलर (16 किलोग्राम), मीडियम बेलर (16-25 किलोग्राम), बड़ा गोल बेलर (180-200 किलोग्राम), बड़ा आयताकार बेलर (18-20 किलोग्राम), छोटी और बड़ी स्ट्रॉ रेक यंत्रों के लिए आवेदन दिए थे।
इस योजना के अंतर्गत राज्य में लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति वर्ग के सभी पात्र किसान कृषि मशीनरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। हरियाणा कृषि एव किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट https://agriharyana.gov.in/Default पर पंजीकरण करना होता है। इसके लिए सबसे पहले वेबसाइट पर फार्मर कॉर्नर के विकल्प पर क्लिक करें। नए पेज पर आपको फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) के तहत कृषि मशीनरी और उपकरण के लिए आवेदन-वित्तीय वर्ष 2024-25 पर क्लिक करते ही पंजीकरण (क्लिक फॉर रजिस्ट्रेशन) का विकल्प दिखेगा, जहां किसान अपना पंजीकरण कर पाएंगे।
आवेदक हरियाणा का स्थायी निवासी होना चाहिए। आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक कॉपी, पहचान पत्र, पैन कार्ड, वैध आरसी और स्वयं घोषणा पत्र जिसमें आवेदक द्वारा पिछले 5 वर्षो में विभाग की किसी भी योजना में अनुदान का लाभ न लिया हो और किसान द्वारा फसल अवशेष न जलाने के बारे में घोषणा की गई हो आदि दस्तावेजों का होना अनिवार्य है। बता दें कि एक किसान अधिकतम चार प्रकार की मशीनों (बेलिंग यूनिट की 3 मशीनें और कोई अन्य मशीन) पर सब्सिडी का लाभ ले सकता है।
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