Agricultural Input Subsidy : प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसलों को हुए काफी नुकसान की भरपाई करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। इसी कड़ी में राजस्थान राज्य में भी किसानों को सरकार द्वारा कृषि आदान अनुदान दिया जाता है, ताकि ओलावृष्टि, सूखे और जलभराव जैसे स्थिति में किसानों की फसलों में हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इस बीच खरीफ सीजन के दौरान बाढ़ और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए राहत की खबर है। राजस्थान सरकार ने बाढ़ एवं ओलावृष्टि से प्रभावित 21 जिलों को अभावग्रस्त (Declared in need) घोषित कर दिया है। इससे राज्य के किसानों को खरीफ सीजन में ओलावृष्टि और बाढ़ से हुए फसल नुकसान का मुआवजा मिलने की राह आसान हो गई है। उम्मीद है कि सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के प्रभावित किसानों को जल्द ही मुआवजा लाभ मिलेगा। आइए, इस पोस्ट की मदद से राज्य सरकार के इस निर्णय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
राज्य में विधानसभा सत्र (Assembly Session) प्रारंभ होने से पहले ही राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों के हितों में एक संवेदनशील निर्णय लिया है। राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खरीफ सीजन (Kharif Season) में बाढ़ एवं ओलावृष्टि से प्रभावित 21 जिलों के किसानों को एसडीआरएफ से कृषि आदान अनुदान (Agricultural Input Subsidy) वितरण करने की मंजूरी दी है। इसके लिए 20 जिलों के 33 प्रतिशत या उससे अधिक फसल खराबे वाले 5897 गांव अभावग्रस्त घोषित किए गए हैं। सरकार के इस निर्णय के बाद अब आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा इस बारे में अधिसूचना जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Mukhyamantri Bhajan lal sharma) ने मानसून वर्ष 2024 में बाढ़ और ओलावृष्टि से खरीफ फसलों के नष्ट होने के आकलन के लिए गिरदावरी के निर्देश दिए थे और जिला कलक्टरों से प्राप्त की नियमित गिरदावरी (फसलों की स्थिति का आकलन करने की एक प्रक्रिया है) रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है। क्योंकि इस बार किसानों की फसलों में नुकसान होने की जानकारी सामने आई थी। इस निर्णय के बाद अब जल्द ही इन गांव के प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया जाएगा। इससे प्रभावित किसानों को बड़ा संबल मिलेगा। आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा इस बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।
राज्य सरकार के इस निर्णय से बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा। राज्य के बूंदी जिले के 486, नागौर जिले के 67, धौलपुर जिले के 58, झालावाड़ जिले के 61, सवाई माधोपुर के 2, बारां के 1, अजमेर के 592, भरतपुर के 418, कोटा के 345, टोंक के 865, बीकानेर के 45, बांसवाड़ा के 817, बालोतरा के 10, फलौदी के 207, पाली के 155, हनुमानगढ़ के 49, डीग के 258, जोधपुर के 262, ब्यावर के 626, भीलवाड़ा के 564 एवं हनुमानगढ़ जिले के 9 गांवों को अभावग्रस्त घोषित (Declared Destitute) किया गया है। इन गांवों में नुकसान से प्रभावित कृषकों को एसडीआरएफ मानदंड (SDRF Norms) के अनुसार, कृषि आदान अनुदान वितरण किया जाएगा। श्रीगंगानगर के 2 गांवों में 33 प्रतिशत से अधिक फसल खराबे वाले व्यक्तिगत कृषकों को कृषि आदान अनुदान भुगतान वितरण की अनुमति प्रदान की गई है।
राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (NDRF) के सहायता के मानदंडों के अनुसार, प्राकृतिक आपदा से बोई गई फसलों में 33 प्रतिशत या इससे अधिक का नुकसान होने पर प्रभावित किसानों को कृषि आदान अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। राज्य सरकार द्वारा यह अनुदान अधिकतम दो हैक्टयेर जोत सीमा के लिए दिया जाता है। इसमें लघु सीमान्त एवं अन्य कृषकों को लाभ दिया जाता है। मानदंडों के अनुसार, आदान अनुदान का भुगतान प्रभावित किसानों के बैंक खातों में ऑनलाईन माध्यम से किया जाता है। इसमें नकद कोई भी भुगतना नहीं किया जाता है। जिन किसानों के बैंक खाते नहीं होते हैं, उनके नए खाते बैंक में खुलवाए जाते हैं, जिसके बाद यह राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की जाती है।
इनपुट अनुदान लाभार्थी सूची चेक करने के लिए सबसे पहले आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग, राजस्थान सरकार के अधिकारिक वेबसाइट https://dmrelief.rajasthan.gov.in/index.php/2018-05-18-05-13-48# पर जाएं। यहां आदान अनुदान लाभार्थियों की सूची विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद नए पेज List of Farmers benefited under agriculture input Subsidy पर कुल संबंधित जानकारी जैसे जिला, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत, गांव, संवत और संवत क्रॉप दर्ज करें। इसके बाद इस सूची में आपका रिकॉर्ड खुल जाएगा।
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