Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana 2024-25 : केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में सुधार करने पर विचार कर रही है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे (Compensation) देने की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए राज्य सरकारों की भूमिका सीमित कर सकती है, जिसकी घोषणा आगामी बजट 2025 में की जा सकती है। केंद्र सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना अब देश के किसानों को रास आने लगी है। पीएम फसल बीमा योजना में 4 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। योजना के प्रारंभ से अब तक 17 हजार करोड़ रुपए क्लेम के रूप में किसान भाइयों को दिया जा चुका है। इस रबी सीजन में देशभर से बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी गेहूं फसल का बीमा करवाया है और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा कवर प्राप्त किया है। हालांकि, अभी कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने फसल बीमा (Crop Insurance) नहीं लिया है या बीमा कराते ही नहीं है। ऐसे सभी किसान मामूली सा प्रीमियम जमा कराके प्राकृतिक आपदा से होने वाले बड़े आर्थिक नुकसान से बच सकते हैं। आइए, जानें कि फसल बीमा करवाना किन किसानों के लिए फायदेमंद होता है और इसके लिए कितना पैसा जमा कराना होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत किसान, गैर ऋणी किसान और बंटाईदार किसानों की फसलों का बीमा पंजीयन किया जाता है। योजना के तहत अधिसूचित फसलों के लिए प्रीमियम बीमित राशि का अधिकतम 1.5 प्रतिशत, उद्यानिकी व वाणिज्यिक फसलों के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत बीमा प्रीमियम ही किसानों देना होता है। शेष प्रीमियम बीमित राशि 50-50 प्रतिशत के अनुपात में केन्द्र और राज्य सरकार जमा करती है। यानी किसान सरकार की इस योजना में केवल मामूली रकम देकर अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। गैर ऋणी किसान अपनी फसलों का बीमा अपने क्षेत्र के केन्द्रीय सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं, डाकघर, अधिसूचित बीमा कंपनी के एजेंट या कॉमन सर्विस सेन्टर (CSC) के माध्यम से करा सकते हैं, जबकि ऋणी कृषकों ने जिस बैंक से फसल ऋण लिया है, वे उस बैंक में अपना बीमा पंजीयन करवा सकते हैं।
पीएम फसल बीमा योजना के तहत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रीमियम और कवरेज राशि किसानों को दी जाती है। देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में अगर कोई किसान अपनी गेहूं की फसल का बीमा लेता है, तो इसके लिए उसे एक हेक्टेयर के लिए मात्र 1233 रुपए प्रीमियम देने होंगे और उस पर 82,200 रुपए का कवर मिलेगा। अगर बीमित फसल किसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होती है, तो किसान को प्रति हेक्टेयर 82.200 रुपए की राशि मुआवजे के तौर पर मिल सकती है।
हरियाणा के फरीदाबाद का कोई किसान अगर इस योजना के तहत एक हेक्टेयर में गेहूं की फसल के लिए 1148.12 रुपए का प्रीमियम चुकाता है, तो उसे फसल खराब होने पर गेहूं के लिए प्रति हेक्टेयर 76,541 रुपए तक का क्लेम मिलेगा। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि बहुत कम राशि में आप गेहूं की फसल का बीमा करवाकर उसे रिस्क से बचा सकते हैं।
राजस्थान कृषि विभाग के मुताबिक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत अगर कोई किसान गेहूं के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 71,411 रुपए का मुआवजा लेना चाहते हैं, तो इसके लिए उसे 1,071.17 रुपए प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा। इसी प्रकार जौ के लिए बीमित राशि 52,016 रुपए है, जिसमें से किसान को 780.24 रुपए प्रीमियम प्रति हेक्टेयर देना होगा। इच्छुक किसान पीएम फसल बीमा योजना के मोबाइल ऐप या योजना के ऑफशियल पोर्टल पर जाकर चंद सेकंड में प्रीमियम और कवरेज राशि की गणना कर सकते हैं। फसल बीमा योजना में बीमा पंजीयन कराने के लिए कृषकों को घोषणा पत्र, आधार कार्ड, जमीन सिकमी होने पर इसका शपथ पत्र, ऋण पुस्तिका, बैंक खाते का विवरण, बुवाई प्रमाण पत्र जैसे कुछ दस्तावेज देने होते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूर्णतया स्वैच्छिक है। इस योजना से अलग रहने वाले ऋणी किसानों को घोषणा पत्र सम्बंधित वित्तीय संस्था में प्रस्तुत करना होता है।
हालांकि, अभी रबी सीजन के लिए पीएम फसल बीमा की डेटलाइन समाप्त हो चुकी है। लेकिन किसान आगामी सीजन के लिए अपनी फसल का बीमा करवाकर बड़ा कवरेज हासिल कर सकते हैं। हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर कई अहम जानकारियों और उसमें किए गए बदलाव की जानकारी दी थी। उन्होंने फसल बीमा योजना के संबंध में बताया कि पहले क्रॉप कटिंग मैन्युअल से नुकसान का आकलन होता था। सरकार ने फैसला लिया है कि इसे अब सैटेलाइट बेसड यानी रिमोट सेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। इससे फसल के नुकसान का सही व सटीक आकलन होगा और डीबीटी के माध्यम से उचित समय पर राशि हस्तांतरित की जाएगी, अगर कोई बीमा कंपनी क्लेम देने में विलंब करेगी तो उसे राशि पर 12% ब्याज देना होगा। उन्होंने बताया कि इसमें बीज की बुवाई से लेकर फसल कटाई के कुछ समय बाद तक भी कवरेज मिलता है। उन्होंने कहा केंद्र ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक बढ़ा दिया है। इसके लिए 69,515.71 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है।
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