Paddy Procurement : विपणन सत्र में 485 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य

पोस्ट -01 सितम्बर 2024 शेयर पोस्ट

Paddy Procurement : खरीफ विपणन सत्र 2024-25 में 485 लाख मीट्रिक टन होगी धान की खरीद की तैयारी 

Paddy procurement 2024-25 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए सभी आवश्यक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को पहले ही मंजूरी दे दी है। सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए धान, बाजरा, रागी, ज्वार, मक्का, अरहर (तुर) और समेत 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की है। ऐसे में केंद्र सरकार ने 2024-25 विपणन वर्ष के लिए खरीफ फसलों की खरीद करने की तैयारियां शुरू कर दी है। केंद्र ने अक्टूबर से शुरू होने वाले विपणन वर्ष 2024-25 के लिए खरीफ चावल खरीद लक्ष्य 485 लाख टन तय किया है, जबकि चालू विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) में सरकार ने 463 लाख टन खरीफ चावल की खरीद की। केंद्र ने इस बार चावल लक्ष्य में बढ़ोतरी की है और राज्यों से मोटे अनाज की खरीद बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।

मोटे अनाज की खरीद बढ़ाने का आग्रह (Urge to increase purchase of coarse grains)

केंद्र सरकार ने राज्यों से मोटे अनाज की खरीद बढ़ाने का भी आग्रह किया है, क्योंकि इन फसलों के लिए बुवाई क्षेत्र पिछले साल के 17.75 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 18.55 मिलियन हेक्टेयर हो गई है। खाद्य मंत्रालय ने कहा, "राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को फसल विविधीकरण और आहार में पोषण बढ़ाने के लिए बाजरे की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई।" केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2024-25 के लिए 1.9 मिलियन टन खरीफ मोटे अनाज/बाजरा की खरीद का लक्ष्य भी रखा है, जो केएमएस 2022-23 (खरीफ फसल) के दौरान खरीदे गए 0.66 मिलियन टन से काफी अधिक है।

एफसीआई की बैठक में निर्णय (Decision in FCI meeting)

यह निर्णय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा की अध्यक्षता में राज्य खाद्य सचिवों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की बैठक के दौरान लिया गया। आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक के दौरान प्रमुख हितधारकों ने आगामी खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2024-25 के लिए फसल खरीद की व्यवस्था पर चर्चा की। बैठक के दौरान मौसम पूर्वानुमान, उत्पादन अनुमान और खरीद कार्यों के लिए राज्यों की तैयारी सहित खरीद को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों की समीक्षा की गई। फसल विविधीकरण और आहार पैटर्न में पोषण बढ़ाने के लिए मोटे अनाजों की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई। इस बैठक में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), भारत मौसम विज्ञान विभाग और कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने भी शिरकत की। 

धान की बुवाई का बढ़ा रकबा (Paddy sowing area increased)

धान खरीफ और रबी दोनों मौसम में उगाया जाता है। राज्य के स्वामित्व वाली एफसीआई खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। नवीनतम बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, धान की बुवाई रकबा 16 प्रतिशत बढ़कर 39.43 मिलियन हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल इसी समय अवधि में 37.80 मिलियन हेक्टेयर थी। चावल की खेती में यह उल्लेखनीय वृद्धि इस बात को रेखांकित करती है कि इस मुख्य खाद्य पदार्थ के उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। इस बार कुल बुवाई क्षेत्र 106.51 मिलियन हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 104.49 मिलियन हेक्टेयर था।

फसलों के लिए घोषित लाभकारी मूल्य (Declared remunerative prices for crops)

सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। 2024-25 विपणन सत्र के लिए कुल 14 फसलों की एमएसपी पर बढ़ोतरी की गई। राज्य सरकार इसी एमएसपी पर फसलों की सरकारी खरीदी करेगी। केंद्र ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए ग्रेड-ए का धान 2320 रुपये प्रति क्विंटल, सामान्य धान के लिए एमएसपी (MSP) 2300 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। ज्वार के लिए MSP 3371 रुपए प्रति क्विंटल, मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP) 2225 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा 2625, रागी 4290 रुपये प्रति क्विंटल, तूर/अरहर के एमएसपी 7000 रुपए प्रति क्विंटल, उड़द के लिए MSP 7400 रुपए प्रति क्विंटल, मूंग के लिए MSP 8682 रुपए प्रति क्विंटल और कपास के लिए 7521 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है। 

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