Improved Moong Varieties : दालों के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा एकीकृत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है। सरकार ने अपने बजट 2025 में घोषणा की है कि इस योजना के तहत राज्य के उत्पादन का 100% तक तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से अगले चार वर्षों तक जारी रखी जाएगी। सरकार का यह निर्णय उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए काफी हद तक लाभकारी साबित होने वाला है, क्योंकि प्रदेश के कई हिस्सों में तुअर, मूंग एवं अन्य दालों की खेती बड़े पैमान पर होती है, जो आर्थिक लाभ के साथ किसानों की खेतों के लिए भी लाभदायक होती है। अगर आप यूपी से हैं और वसंत ऋतु (खरीफ सीजन) के लिए मूंग की उच्च उपज और रोग प्रतिरोधी किस्मों की तलाश कर रहे हैं, तो उन्नत मूंग किस्में: KM 2342, IPM 312-20 और KPM 409-4 का चयन कर सकते हैं। आइए, इन किस्मों की पैदावार क्षमता और खास विशेषता के बारे में जानते हैं।
उत्तर प्रदेश में खरीफ मौसम (वसंत ऋतु) मूंग की खेती (mung bean farming) किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प है। यह खेती न केवल भूमि की उर्वरता को बढ़ाती है, बल्कि पोषण एवं आर्थिक दृष्टि से भी लाभदायक होती है। प्रदेश में उच्च उपज और रोग प्रतिरोधी मूंग की उन्नत किस्मों की किसानों द्वारा बढ़ती मांग को देखते हुए, वर्ष 2020 में तीन महत्वपूर्ण किस्में जारी की गईं। इसमें KM 2342 (आजाद मूंग 1), IPM 312-20 (वसुधा) और KPM 409-4 (हीरा) मूंग किस्में शामिल है। ये सभी किस्में उत्तर प्रदेश की कृषि परिस्थितियों के अनुकूल हैं और किसानों को बेहतर उत्पादन क्षमता प्रदान करती हैं।
KM 2342 (आजाद मूंग 1) चन्द्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा विकसित किया गया है। आजाद मूंग किस्म की खास विशेषता इसकी स्थिर उपज और वसंत ऋतु के लिए उपयुक्तता है। KM 2342 (आजाद मूंग 1) की कम परिपक्वता अवधि किसानों को समय पर फसल कटाई और अगली फसल की तैयारी का भरपूर समय प्रदान करती है।
IPM 312-20 (वसुधा) अपने उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण विशेष रूप से लोकप्रिय है। इसे IIPR, कानपुर उत्तर प्रदेश द्वारा विकसित किया गया है। इस मूंग किस्म की लंबी परिपक्वता अवधि इसे किसानों को बेहतर उत्पादन और अधिक लचीलापन प्रदान करने में मदद करती है। IPM 312-20 (वसुधा) की पैदावार क्षमता 8-10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसकी परिपक्वता अवधि 65 से 80 दिन की है। उत्तर प्रदेश के लिए वंसत ऋतु में इसकी खेती के लिए अनुशंसित किया गया है। उन्नत मूंग किस्म IPM 312-20 (वसुधा), CLS (सर्कोस्पोरा लीफ स्पॉट), लीफ क्रिंकल और लीफ कर्ल रोगों के प्रति उच्च प्रतिरोधक है।
उत्तर प्रदेश के मूंग किसान जो वसंत और ग्रीष्म दोनों मौसम में खेती के लिए उच्च उपज और रोग प्रतिरोधी मूंग किस्म की तलाश कर रहे हैं, वे KPM 409-4 (हीरा) का चयन कर सकते हैं। इसकी बहुमुखी प्रतिभा इसे एक बहु-ऋतु किस्म बनाती है, जिससे किसान इसे वसंत और ग्रीष्म दोनों मौसमों में उगा सकते हैं। KPM 409-4 (हीरा) की रोग प्रतिरोधक क्षमता और कम परिपक्वता अवधि इसे किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
KM 2342, IPM 312-20 और KPM 409-4 उन्नत मूंग की किस्में हैं, जो उत्तर प्रदेश के मूंग किसानों के लिए उच्च उपज और रोग प्रतिरोध प्रदान करती हैं। ये किस्में वसंत और ग्रीष्म दोनों ऋतुओं में खेती के लिए उपयुक्त हैं और किसानों को अधिकतम पैदावार लेने में मदद करती हैं।
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