Natural Farming : कैबिनेट से 2481 करोड़ रुपए के राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को मिली मंजूरी

पोस्ट -26 नवम्बर 2024 शेयर पोस्ट

Natural Farming : 1 करोड़ किसानों को सरकार का तोहफा, 2481 करोड़ रुपए के राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय कैबिनेट की इस बैठक में देश के किसानों और कृषि का खास ध्यान रखा गया, जिससे निश्चित रूप से किसानों को जबरदस्त फायदा होगा। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत स्वतंत्र केंद्र प्रायोजित योजना के रूप राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (National Mission on Natural Farming) को मंजूरी दे दी। इसके तहत देशभर में प्राकृतिक खेती को मिशन मोड में बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) योजना पर कुल परिव्यय 15 वें वित्त आयोग (2025-26) तक 2481 करोड़ रुपए होगा, जिनमें 1584 करोड़ रुपए केंद्र सरकार खर्च करेगी और बाकि के 897 करोड़ रुपए राज्य सरकारें खर्च करेंगी। 

एक करोड़ किसानों को किया जाएगा कवर (One crore farmers will be covered)

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णयों पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “नई योजना गोबरधन मिशन समेत इस दिशा में शुरू किए गए सभी पिछले पायलटों और कार्यक्रमों को एकीकृत करके शुरू की जाएगी। केंद्र सरकार देश में प्राकृतिक खेती पर फोकस बढ़ाना चाहती है, जिसके तहत पूरे देश में मिशन मोड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम चलाया जाएगा। कैबिनेट की घोषणा के अनुसार, अगले दो वर्षों में, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को इच्छुक ग्राम पंचायतों में 15,000 क्लस्टरों में लागू किया जाएगा, जिसमें लगभग 1 करोड़ इच्छुक किसानों को कवर किया जाएगा और लगभग 750,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती होने का अनुमान है।

स्थापित किए जाएंगे जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (Bio-input resource centers will be established)

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, इस मिशन के तहत प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम)/ किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) आदि के प्रचलन वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, किसानों के लिए तैयार प्राकृतिक खेती इनपुट की आसान उपलब्धता और पहुंच प्रदान करने के लिए 10,000 जैव-इनपुट संसाधन केंद्र (BRC) स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, करीब 2000 कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों और किसानों के खेतों में नेचुरल फार्मिंग मॉडल प्रदर्शन फार्म स्थापित किए जाएंगे। 

किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण (Farmers will be given training)

इस मिशन के अंतर्गत, कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके), कृषि विश्वविद्यालयों (एयू) और किसानों के खेतों पर लगभग 2,000 प्राकृतिक खेती के मॉडल प्रदर्शन फार्म स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें अनुभवी और प्रशिक्षित किसान मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। इच्छुक किसानों को उनके गांवों के निकट इन मॉडल प्रदर्शन फार्मों पर प्राकृतिक खेती के तरीकों, इनपुट तैयार करने आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, किसानों को उनके प्राकृतिक कृषि उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंच प्रदान करने के लिए आसान प्रमाणन प्रणाली और समर्पित सामान्य ब्रांडिंग प्रदान की जाएगी।

जागरूकता के लिए कृषि सखियों को किया जाएगा तैनात (Krishi Sakhis will be deployed for awareness)

केंद्रीय मंत्रिमंडल के अनुसार, लगभग 18.75 लाख प्रशिक्षित किसान अपने पशुओं का उपयोग करके जीवामृत और बीजामृत जैसे इनपुट तैयार करेंगे या उन्हें बीआरसी से खरीदेंगे। इसके अलावा, जागरूकता पैदा करने, किसानों को संगठित करने और क्लस्टरों में सहायता प्रदान करने के लिए लगभग 30,000 कृषि सखियों/सीआरपी को तैनात किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, प्राकृतिक खेती के तरीकों से किसानों को खेती की इनपुट लागत और बाहरी तौर पर खरीदे गए इनपुट पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही मिट्टी की सेहत, उर्वरता और गुणवत्ता में सुधार होगा। ये तरीके उर्वरकों, कीटनाशकों आदि के संपर्क में आने से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को भी कम करते हैं और किसानों के परिवार को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्रदान करते हैं। प्राकृतिक खेती के माध्यम से, आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ धरती की विरासत मिलेगी। भूमि में कार्बन की मात्रा और पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार के माध्यम से, प्राकृतिक खेती में मिट्टी के सूक्ष्मजीवों और जैव विविधता में वृद्धि होगी।

किसानों को प्रदान की जाएगी ये सुविधाएं (These facilities will be provided to farmers)

बयान में कहा गया है कि किसानों को उनके प्राकृतिक खेती के उत्पादों को बाजार तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक आसान सरल प्रमाणन प्रणाली और समर्पित सामान्य ब्रांडिंग प्रदान की जाएगी। एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) कार्यान्वयन की वास्तविक समय की जियो-टैग और संदर्भित निगरानी की जाएगी। स्थानीय पशुधन आबादी को बढ़ाने, केंद्रीय मवेशी प्रजनन फार्मों / क्षेत्रीय चारा स्टेशनों पर एनएफ मॉडल प्रदर्शन फार्मों का विकास करने, स्थानीय किसानों के बाजारों, एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समिति) मंडियों, हाटों, डिपो आदि के लिए अभिसरण के माध्यम से जिला / ब्लॉक / ग्राम पंचायत स्तरों पर बाजार संपर्क प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार / राज्य सरकारों / राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मौजूदा योजनाओं और सहायता संरचनाओं के साथ जोड़ा जाएगा। 

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