फसल की उच्च उत्पादकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भूमि की सटीक और समय पर तैयारी आवश्यक होती है। अच्छी भूमि तैयारी से न केवल फसल की जड़ें बेहतर विकसित होती हैं, बल्कि मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता और नमी धारण क्षमता भी बढ़ जाती है। वर्तमान में किसान पारंपरिक उपकरणों के बजाय उन्नत कृषि यंत्रों की सहायता से भूमि को अधिक दक्षता से तैयार कर रहे हैं। इनमें सबसॉइलर, चिजल प्लाऊ/चिसेल प्लाऊ, मल्चर और लेजर लैंड लेवलर जैसे आधुनिक उपकरण शामिल हैं, जो खेत की गहरी जुताई, खरपतवार नियंत्रण, मिट्टी सुधार और खेत समतलीकरण जैसे कार्यों को तेज, सटीक और कम लागत श्रम में पूरा करते हैं। सरकार भी इन कृषि यंत्रों पर अनुदान योजनाएं चला रही है, जिससे किसान इन यंत्रों को किफायती दरों पर खरीद सकें और समय पर खेत की तैयारी कर सकें। आइए, इन टॉप कृषि उपकरण और उनकी कार्य दक्षता के बारे में जानें।
कृषि यंत्र सबसॉइलर : सबसॉइलर एक सामान्य से अधिक गहरी जुताई करने वाला कृषि यंत्र है। इसमें शैंक की संख्या 1 से 5 (मॉडल पर निर्भर) होती है। यह 40 से 100 सेमी गहराई से मिट्टी को काटता है। इसे 45 एचपी से अधिक के ट्रैक्टर के साथ चलाया जाता है। इसमें लगाए गए शैंक (टाइन) मजबूत होते हैं और ये अधिक बल को सहन कर सकते हैं। मिट्टी की कठोर परत, जल प्रवाह और निकासी में बाधा, मिट्टी में वायुसंचार की कमी और फसलों की जड़ों की वृद्धि में कमी का कारण बन सकती है, इस प्रकार की मृदा परिस्थितियों में सबसॉइलर यंत्र का उपयोग किया जाता है।
एम.बी. प्लाऊ : इसका उपयोग ग्रीष्मकाल और खरीफ फसलों की पूर्व तैयारी में किया जाता है। एम.बी. प्लाऊ से खेतों की जुताई, मिट्टी को हल्का और भुरभुरा बनाया जाता है। यह पशु चालित और ट्रैक्टर चालित दोनों में उपलब्ध है। एम.बी. प्लाऊ धारदार फाल और एक मोल्डबोर्ड होता है, जिसकी सहायता से यह मिट्टी को 8 से 12 इंच तक गहराई से काटकर उसे पलटता है। इससे मिट्टी की कठोर परत टूटती है और भूमि में पानी का रिसाव बेहतर होता है, जिससे भूमि की जल संग्रहण क्षमता बढ़ती है।
डिस्क प्लाऊ : एक आधुनिक कृषि यंत्र है, जिसका उपयोग खासकर खेती में पथरीली, सूखी और कठोर मिट्टी और खरपतवार की जड़ों से प्रभावित मिट्टी में किया जाता है। जहां मोल्ड बोर्ड प्लाऊ से जुताई करने में कठिनाई होती है, वहां यह “डिस्क प्लाऊ” कृषि यंत्र गहरी जुताई के माध्यम से फसलों और खरपतवारों के अवशेषों को मिट्टी में मिलाता है। इसमें गोल घुमावदार लोहे की डिस्कें (चक्के) लगे होते हैं, जो घूमकर मिट्टी को काटती हुए पलटती है।
ड्रेनेज ट्रेंचर : ट्रेंचर मशीन एक विशेष कृषि यंत्र है, जिसका उपयोग खेतों में जल निकासी के लिए गड्ढे या नालियां (ट्रेंच) खोदने के लिए किया जाता है। यह मशीन खासतौर पर भारी मिट्टी और उन क्षेत्रों में उपयोग होती है जहां खेतों में जलभराव की समस्या अधिक होती है और अधिक वर्षा के कारण फसलों को नुकसान पहुंचता है। यह पारंपरिक गड्ढा खुदाई की तुलना में बहुत तेज और सटीक कार्य करता है।
चिजल प्लाऊ/चिसेल प्लाऊ : यह एक प्राथमिक जुताई कृषि उपकरण है, जिसका उपयोग अधिक गहरी जुताई के लिए किया जाता है। यह मिट्टी की कठोर परतों को तोड़ता है। साथ ही मिट्टी की ऊपरी परत को बनाए रखते हुए नीचे की सघन परतों को ढीला करता है, जिससे मिट्टी में वायु संचरण बेहतर होता है, पानी का अवशोषण बढ़ता है और जड़ों की वृद्धि में सुधार होता है। चिजल प्लाऊ की कार्य करने की गहराई को मिट्टी की स्थिति और फसल की आवश्यकता के अनुसार समायोजित किया जा सकता है। चिजल प्लाऊ 3 से 13 (मॉडल पर निर्भर) टाइन की संख्या में हो सकते हैं। टाइन प्रकार स्प्रिंग-लोडेड या कठोर होते हैं। यह 15 से 45 सेमी गहराई से मिट्टी पलटता है। इसे 35 HP से अधिक पावर के ट्रैक्टरों से जोड़ा जा सकता है।
लेजर लैंड लेवलर : लेजर लैंड लेवलर एक ऐसी मशीन है, जो खेत का समतलीकरण करती है। इसका उपयोग गहरी जुताई के बाद किया जाता है। यह किसानों के लिए बेहद उपयोगी कृषि यंत्र है, खासकर उन किसानों के लिए, जिनके खेत पूर्ण रूप से समतल नहीं है और उनके खेत में जलभराव की समस्या रहती है। इसके अलावा, जिन खेतों में फसल की एक समान बुवाई करने और फसल में उवर्रक व पानी देने आदि कार्यों में परेशानी होती है। ऐसी भूमि के लिए लेजर लैंड लेवलर बहुत ही कारगर मशीन है। यह जीपीएस (ग्लोबल पोजिसनिंग सिस्टम) से लैस होती है, इस जीपीएस सिस्टम से निकलने वाली लेजर बीम को ट्रैक्टर में लगा "रिसीवर संयंत्र" रिसीव करता है। इसी से ऑपरेटर को खेत का लेवल पता चलता है।
ट्रैक्टर के पीछे लगे बकेट सबसे ऊंची जगह से मिट्टी निकाल कर, निचली जगहों को भरता है, जिससे खेत समतल होकर किसी फुटबाल मैदान की भांति ही दिखाई देता है। समतल खेत सिंचाई करने पर कम समय और पानी में समान रूप से संतृप्त होता है। खेत में बराबर नमी के कारण बीज का जमाव एक साथ अच्छे से होता है। लिहाजा फसल भी एक साथ तैयार होती है। यह खेत को मिलीमीटर स्तर तक समतल कर सकता है, जिससे समान रूप से हर पौधे को बराबर नमी और पोषक तत्व मिलते हैं। साथ ही साथ जलभराव, कटाव और उपजाऊ मिट्टी के बहाव की समस्या से भी बचाता है।
भूमि की उचित और तकनीकी तैयारी फसल उत्पादन और गुणवत्ता को कई गुना बढ़ा सकती है। इसके लिए सही आधुनिक कृषि यंत्रों का चयन करके किसान भाई न केवल मेहनत और समय की बचत कर सकते हैं, बल्कि बेहतर उत्पादन के साथ लाभदायक खेती भी सुनिश्चित करते हैं। खरीफ हो या रबी सीजन – बुवाई से पहले इन आधुनिक कृषि यंत्रों के साथ किसान भाई हर मौसम की फसल उत्पादन की बेहतर नींव रख सकते हैं।
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