खेती को आसान बनाने के लिए एक से बढ़कर एक इनोवेशन हो रहे हैं। खेती की मशीनों व उपकरणों में एआई का प्रचलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है। कृषि कार्य संभालने के लिए रोबाट बनाए जा रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में खेती में रोबोट न सिर्फ काम को आसान बनाएंगे बल्कि उत्पादन, गुणवत्ता और किसानों की आय भी बढ़ाएंगे। अब वो दिन दूर नहीं जब खेत भी स्मार्ट हो जाएंगे। जोधपुर के एमबीएम यूनिवर्सिटी के छह होनहार छात्रों ने एक ऐसा कमाल का रोबोट बनाया है, जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। यह 'मल्टीटास्किंग एग्रीकल्चर प्रोटोटाइप' रोबोट खेती के कई मुश्किल कामों को बेहद आसान, सस्ता और स्मार्ट बना देगा। आइए, इस खबर को विस्तार से जानते हैं।
MBM यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग छात्र मुरलीधर सिखवाल, तनु जांगिड़, प्रियंका चौहान, निशा चौधरी, राजवर्धन सिंह और यश गौड़ ने अपने असिस्टेंट प्रोफेसर संतोष मीणा और विभागाध्यक्ष डॉ. एमके भास्कर के मार्गदर्शन में एक ऐसा रोबोट तैयार किया है, जो जुताई, बीजों की बुवाई, सिंचाई, कीटनाशक छिड़काव और खरपतवार हटाने जैसे कई काम अकेले कर सकता है। भविष्य में यह तकनीक किसानों के लिए एक सस्ती, स्मार्ट और टिकाऊ साबित हो सकती है।
यह एक मल्टीटास्किंग एग्रीकल्चर रोबोट है, जो मोबाइल से दिए गए आदेशों को समझता है और उसी अनुसार खेत में काम करता है। यह रोबोट एक मोबाइल ऐप से नियंत्रित होता है और इसमें सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिससे यह बिना बिजली के भी काम कर सकता है। इसमें ESP-32 माइक्रोकंट्रोलर लगाया गया है
यह रोबोट जिस मोबाइल ऐप से चलता है, उसे इन छात्रों ने खुद डिजाइन किया है। ऐप इतना सरल और किसान फ्रेंडली है कि कोई भी किसान आसानी से इसका उपयोग कर सकता है। भले ही उन्हें ज्यादा तकनीक की जानकारी न हो। इसमें सोलर प्लेट्स भी लगी हैं, जिससे यह ऊर्जा-कुशल भी है।
खेती में रोबोट का इस्तेमाल कई मायनों में किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है और जोधपुर के छात्रों का यह इनोवेशन उसी दिशा में एक बड़ा कदम है:
भारत और विदेशों में कई ऐसी रोबोटिक मशीनें हैं जो खेती के अलग-अलग कार्यों के लिए बनी हैं। कुछ प्रमुख उदाहरण इस प्रकार हैं :
Tertill Weeding Robot (अमेरिका आधारित) : यह रोबोट खेतों में खुद चलता है और छोटे खरपतवार को पहचानकर उन्हें जड़ से हटा देता है। सोलर से चलता है और स्मार्ट कैमरे लगे हैं।
Naïo Oz (फ्रांस आधारित) : छोटे खेतों के लिए बना यह रोबोट जुताई, बुवाई और निराई का काम करता है। यह जीपीएस तकनीक से रास्ता खुद तय करता है।
Agrobot (स्पेन) : स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों की कटाई के लिए यह रोबोट बनाया गया है। सेंसर से यह सिर्फ पकी हुई फसल को पहचानकर काटता है।
Blue River See & Spray (अमेरिका) : मशीन विजन तकनीक पर आधारित है जो फसल और खरपतवार में फर्क कर सकती है। सिर्फ खरपतवार पर स्प्रे करती है जिससे कीटनाशक की बचत होती है।
KisanBot (भारत में स्टार्टअप द्वारा) : जुताई, बुवाई, सिंचाई, कीटनाशक छिड़काव सभी काम एक मशीन से होते हैं। यह मोबाइल ऐप से नियंत्रित होता है और सोलर प्लेट्स से चलता है। हाल ही में एमबीएम यूनिवर्सिटी, जोधपुर के छात्रों ने भी ऐसा एक प्रोटोटाइप तैयार किया है।
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