बीते दिनों छत्तीसगढ सरकार ने खरीफ खरीद सीजन 2022-23 के लिए खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और तारीखों का ऐलान किया था। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है कि राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद की घोषणा के मुताबिक खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत राज्य में 1 नवंबर यानि मंगलवार से धान खरीदी का काम शुरू हो गया। पहले दिन 775 उपार्जन केंद्रों द्वारा 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से की गई। पहले दिन तीन हजार 951 किसानों ने एमएसपी पर धान बेचा। राज्य में शुरू की गई ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ से प्रति वर्ष धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बन रहा है। इस साल भी फसल अच्छी होने से किसानों में उत्साह है। बता दें कि राज्य में 17 अक्टूबर से ही अरहर, मूंग और उड़द आदि दलहनी फसलों की एमएसपी पर खरीद कि जा रही है। अब राज्य में एमएसपी पर धान के साथ मक्का की भी खरीद कि जा रही है। किसान धान के साथ-साथ मक्का को एमएसपी पर बेचने के लिए एकीकृत किसान पोर्टल https://kisan.cg.nic.in पर समस्त जरुरी कागजातों के साथ आवेदन कर सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 1 नवंबर यानि मंगलवार से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एमएसपी पर खरीदी प्रक्रिया को पूरी करने के लिए इस साल 2497 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत राज्य में अब तक धान विक्रय के लिए 25 लाख 93 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। इस वर्ष दो लाख 3 हजार नए किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। धान का कुल पंजीकृत रकबा 31.13 लाख हेक्टेयर है। जिनमें एक लाख नो हजार हेक्टेयर रकबे का नवीन पंजीयन किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी के लिए किसानों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से किसानों में नए उत्साह का संचार हुआ है। खेतों से दूर हो रहे किसान खेतों की ओर लौटे हैं और खेती का रकबा भी बढ़ा है।
मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा भी की थी। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहां की किसानों को फसल की बिक्री संबंधित किसी प्रकार की परेशानी ना हो और आगामी खरीद प्रक्रिया में कोइ बाधा ना आये उसके लिए उपार्जन केन्द्रों पर व्यवस्था दुरुस्त रखने को कहा गया था। उन्होंने कहा की राज्य में धान की खरीद-बिक्री का सिललिसा शुरू हो चुका है। राज्य के ज्यादातर जिलों ने एमएसपी पर धान खरीदने के लिये तैयारी कर ली है। किसानों को धान बेचने में दिक्कत न आए, इसको लेकर सभी केंद्रों में मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। अवैध धान की आवक रोकने और संवेदनशील उपार्जन केंद्रों पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं, चेकपोस्ट भी बनाए गए हैं, जहां टीम निगरानी रखेगी।
छत्तीसगढ़ में मंगलवार यानी 1 नवंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत हो गई है। इस बार छत्तीसगढ़ प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 25.72 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। सरकार के आदेश के मुताबिक राज्य में धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान 2060 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि, राज्य में धान खरीदी 31 जनवरी 2023 तक जारी रहेगी। राज्य में पहले दिन 775 उपार्जन केंद्रों द्वारा 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। जिसमें तीन हजार 951 किसानों ने एमएसपी पर धान बेचा। पहले दिन के लिए 5341 टोकन जारी किए गए थे। पहले दिन के धान उपार्जन के लिए किसानों को भुगतान करने के लिए मार्कफेड द्वारा 279 करोड़ रुपए अपेक्स बैंक को जारी किए गए हैं।
खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि राज्य में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद प्रति वर्ष किसानों की संख्या और खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही प्रति वर्ष धान खरीदी का नया रिकार्ड भी बन रहा है। पंजीकृत किसानों के धान का रकबा बढ़कर 31.13 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 97.98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी, जो राज्य निर्माण के बाद से अब तक का एक रिकार्ड है। तब 21 लाख 77 हजार किसानों ने धान एमएसपी पर बेचा था। उनका कहना है कि समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की अधिकतम सीमा पिछले वर्ष के अनुसार 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिंकिंग सहित निर्धारित की गई है। उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स का पंजीयन किया जा रहा है।
खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपये और धान के बदले अन्य फसलों की खेती के लिए 10 हजार रुपये सब्सिडी दे रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत तीन सालों में किसानों को 16 हजार 415 करोड़ रुपय की सब्सिडी दी जा चुकी है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 18.43 लाख किसानों को 5627 करोड़, वर्ष 2020-21 में 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ और साल 2021-22 में 24 लाख किसानों को तीन किश्तों में 5235 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी भी दी जा चुकी है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 21 लाख 77 हजार किसानों को 19038.04 करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था।
छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन द्वारा शुक्रवार को धान खरीदी समेत कल्याणकारी व महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा भी कि गई थी। राज्य में एक नवंबर से धान के साथ-साथ मक्के को भी एमएसपी पर खरीदे जाने का ऐलान किया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा किसानों को पंजीयन समेत और भी जानकारियां के लिए एकीकृत किसान पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिसको किसानों के खेत व फसल बुवाई के रकबे का सत्यापन हेतु भुइयाँ पोर्टल से भी जोड़ा गया हैे। सरकार के आदेश के मुताबिक मक्का को एमएसपी पर बेचने वाले किसान भी एकीकृत किसान पोर्टल https://kisan.cg.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि किसानों को धान सूखाकर लाने का निर्देश दिया गया है। खरीदे जाने वाले धान में नमी 17 प्रतिशत से कम होनी चाहिए। इसको लेकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। इस समय देशभर में कई राज्यों में धान खरीदी की प्रकिया चल रही है।
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