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मशरूम स्पॉन : वैज्ञानिक तरीके से घर पर करें मशरूम की खेती होगी, अच्छी कमाई

मशरूम स्पॉन : वैज्ञानिक तरीके से घर पर करें मशरूम की खेती होगी, अच्छी कमाई
पोस्ट -20 फ़रवरी 2023 शेयर पोस्ट

कृत्रिम मशरूम स्पॉन तैयार करने की उन्नत विधि जानें, पूरी जानकारी

कई ऐसे नेचुरल उत्पाद होते हैं जो मानव जीवन के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी साबित होते हैं। मशरूम भी इनमें एक है। मशरूम को सब्जी से लेकर कई तरह से खाने में यूज किया जाता है।  लेकिन प्राकृतिक रूप से उगने वाले सभी मशरूम उपयोगी हों यह जरूरी नहीं है। ये बारिश के सीजन में कहीं भी उग आते हैं। इसलिए वैज्ञानिक विधि से कृत्रिम मशरूम उगाए जाते हैं।  बेहतर गुणवत्ता वाले मशरूम की खेती आधुनिक तरीके से व्यापक स्तर पर जाए तो यह किसानों को लाखों का मुनाफा देती है। मशरूम की  खेती करने से पहले इसके बीज या स्पॉन कैसे तैयार करें, इसके लिए क्या-क्या सामान जरूरी हैं, मशरूम स्पॉन का व्यावसायिक लाभ कैसे लिया जाए? इन सबके साथ ट्रैक्टरगुरू पर इस ऑर्टिकल में मशरूम स्पॉन उगाने की वैज्ञानिक विधि की पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है। इससे किसान भाई घर पर ही मशरूम स्पॉन तैयार करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

New Holland Tractor

मशरूम स्पॉन के लिए सबसे क्या करें?

मशरूम के बीज या स्पॉन तैयार करने के लिए पहले आपको कई तरह के अनाज के दानें जैसे गेहूं, ज्वार, बाजरा, राई आदि की व्यवस्था करनी चाहिए। ध्यान रहे कि ये अनाज के दाने कटे-फटे या कीटों के द्वारा नुकसान पहुंचाए हुए ना हों। इसके बाद इन्हे पानी में भिगो कर कवक जाल पर डाला जाता है। इन दानों से कई प्रकार के मशरूम स्पॉन तैयार हो सकते हैं। मशरूम की इन उन्नत नस्लों में  बटन मशरूम, आस्टर मशरूम, पैडी स्ट्रा  मशरूम आदि शामिल हैं। मशरूम बीज तैयार करने में वैज्ञानिक विधियों का ही प्रयोग सफल रहता है।

मशरूम स्पॉन की मदर कल्चर विधि

यहां मशरूम स्पॉन तैयार करने की मदर कल्चर के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसमें आपको कुछ  जरूरी बातों का ध्यान रखना है जो इस प्रकार हैं:-

  • गेहूं या ज्वार आदि अनाज के दानों को करीब 20 मिनट तक पानी में डुबोए रखें।
  • 20 kg अनाज के लिए 35 लीटर पानी का इस्तेमाल करें।
  • इसके बाद जिप्सम और कैल्शियम कार्बोनेट डालकर अच्छी तरह से मिलाएं जिससे दानों का पीएच 7.0 से 7.8 तक हो सके यानि दाने आपस में चिपके नहीं।
  • 10 किलोग्राम उबले हुए दानों के लिए 200 किलोग्राम जिप्सम और 50 किलोग्राम कैल्शियम कार्बोनेट का इस्तेमाल करें।
  • अब दानों को ग्लूकोज/ दूध की खाली बोतलों में बंद कर दें। इसके बाद इनको 121 डिग्री तापमान में दो घंटे के लिए छोड़ दें।
  • अंदर की भाप निकलने के बाद 24 घंटों तक ठंडा होने के लिए छोड़ दें। वहीं अनाज के दानों के टुकड़ों को बोतल में इस तरह रखा जाए जिससे कवक अच्छी तरह से फैल सके। इससे तीन-चार सप्ताह में मशरूम कवक विकसित हो जाएगा।

व्यावसायिक स्पॉन तैयार करने की विधि

इस विधि में पॉलीप्रोपाइलिन बैग इस्तेमाल किए जाते हैं। डेढ किलोग्राम बीज के लिए 35 x17.5 सेंटीमीटर आकार के ये बैग होने चाहिए। व्यावसायिक स्पॉन बीज के लिए ज्वार या गेहूं के दानों को पानी में उबाल कर कैल्शियम कार्बोनेट और जिप्सम मिलाते हैं।अब मास्टर स्पॉन के कुछ दाने उस बैग में डालते हैं। इस बैग को अच्छी तरह से हिलाते रहें जब तक मदर स्पॉन के दाने इसमें अच्छी तरह से फैल नहीं जाए। इसे 25 डिग्री तापमान पर 10-12 दिन के ए रख दें। इससे कवक इसमें फैल जाएंगे। कवक जाल वाले पोलीप्रोपइलिन बैग को 4 डिग्री तापमान पर भंडारण कर दें। इस विधि से मशरूम के इन बीजो को लाने-ले जाने के लिए परिवहन के समय परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

कैसे करें बेस्ट मशरूम स्पॉन की परख?

आपको यदि गुणवत्तापूर्ण मशरूम की पहचान करनी है तो कुछ बातों पर ध्यान देना होगा। इनमें स्पॉन गेहूं या ज्वार के दानों के ही होने चाहिए। प्रत्येक दानों के ऊपर कवक जाल फैला हो और स्पॉन की बोतल या बैग में मशरूम का कवक जाल पतली रेशम की तरह होना चाहिए। इसके अलावा मशरूम के ताजे स्पॉन का रंग सफेद होता है जबकि पुराने स्पॉन मटमैले या भूरे रंग के होते हैं। इनकी पैदावार कम होती है। स्पॉन तैयार करते समय ध्यान रखें कि बैग या बोतल के ऊपर किसी प्रकार के धब्बे नहीं होने चाहिएं। इससे कई प्रकार की फंगस लग जाती है जो हानिकारक होती है।

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