Northern Region Farm Machinery Training and Testing Institute (NRFMTTI), Hisar (Haryana) : देशी जमीन पर अब कृषि ट्रैक्टरों और कंबाइन हार्वेस्टरों का परीक्षण किया जाएगा। क्योंकि, हिसार (हरियाणा) स्थिति उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (एनआरएफएमटीटीआई), हिसार (हरियाणा) को कृषि ट्रैक्टरों के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) परीक्षण की मंजूरी और कृषि ट्रैक्टरों और कंबाइन हार्वेस्टरों के सीएमवीआर परीक्षण के लिए राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त हुई है।
कृषि मशीनरी के प्रशिक्षण एवं परीक्षण क्षेत्र में अग्रणी एनआरएफएमटीटीआई, टीटीसी, हिसार, अब आधिकारिक रूप से कंबाइन हार्वेस्टरों के अलावा “कृषि ट्रैक्टरों” के लिए सीएमवीआर (केंद्रीय मोटर वाहन नियम) परीक्षण करने के लिए एक अनुमोदित एजेंसी बन गया है। यह संस्थान अब कृषि ट्रैक्टरों और कंबाइन हार्वेस्टरों दोनों के सीएमवीआर परीक्षण के लिए एनएबीएल (राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड) से भी मान्यता प्राप्त हो गया है। इससे यह अब कृषि ट्रैक्टरों और फसलों की कटाई व थ्रेसिंग से संबंधित कंबाइन हर्वेस्टर मशीनों के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR) प्रमाण भी प्रदान करेगा।
इससे उत्तरी भारत के ट्रैक्टर और कंबाइन हार्वेस्टर निर्माताओं को बड़ा फायदा होगा। उन्हें अपने ट्रैक्टरों का सीएमवीआर अनुपालन के लिए इस संस्थान में नजदीकी क्षेत्र में परीक्षण कराने की सुविधा मिलेगी। इसके अतिरिक्त, एनएबीएल मान्यता के तहत “कृषि ट्रैक्टरों और कंबाइन हार्वेस्टरों” का सीएमवीआर प्रमाणन दुनिया भर में परीक्षण की विश्वसनीयता और वैश्विक स्वीकार्यता को बढ़ाएगा। इससे भारतीय ट्रैक्टर निर्माताओं को वैश्विक बाजारों में अपनी मशीनों को प्रमाणित करने में आसानी होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह भारत के कृषि ट्रैक्टर और उपकरण निर्माताओं के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, लेकिन इस सुविधा का प्रभावी परिणाम तभी संभव है, जब सीएमवीआर परीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बरती जाएगी। इसके अलावा, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि इस परीक्षण सुविधा का लाभ उन छोटे व मध्यम स्तर के निर्माताओं तक भी आसानी से पहुंचे, जो अक्सर संसाधनों की कमी से जूझते हैं।
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