राइस ट्रांसप्लांटर पर सरकार से मिलेगी 8 लाख रुपए की सब्सिडी, यहां करें आवेदन

पोस्ट -18 मई 2024 शेयर पोस्ट

जानें, धान किसान कैसे राइस ट्रांसप्लांटर पर ले सकते है 8 लाख रुपए की सब्सिडी

धान, भारत की सबसे महत्वपूर्ण फसल है और देश के किसान सबसे ज्यादा क्षेत्र में धान की खेती करते हैं। इस समय देश के किसान खरीफ सीजन में धान की उन्नत किस्मों, बुवाई विधि, धान रोपाई उपकरण, धान बिजाई मशीन, धान की बुवाई का सही समय आदि की अपडेट जानकारी जुटा रहे हैं ताकि कम लागत में बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सके। 

किसान अगर धान की खेती से ज्यादा पैदावार प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें धान की रोपाई के तरीके और धान की रोपाई में उपयोगी कृषि मशीनरी की सही जानकारी होनी चाहिए। ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट में आपको धान की बुवाई और रोपाई के तरीके, धान की खेती में काम आने वाली राइस ट्रांसप्लांटर मशीन के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही आपको बताया जा रहा है कि आप राइस ट्रांसप्लांटर पर सब्सिडी कैसे प्राप्त कर सकते हैं।

धान की खेती में सीधी बुवाई और रोपण विधि के फायदे (Advantages of direct sowing and planting method in paddy cultivation)

धान की खेती में पैदावार दो तरीके से ली जाती है। पहले तरीके में किसान बीजों की सीधी बुवाई खेत में करते हैं जिसे सीधी बुवाई विधि कहते हैं। दूसरे तरीके में धान के बीजों से नर्सरी में पौध तैयार की जाती है और इन पौधों को पानी से भरे खेत में रोपा जाता है, इसे रोपण विधि कहते हैं। धान की सीधी बुवाई में जहां 25 से 30 प्रतिशत तक कम पानी लगता है, वहीं रोपण विधि में 4 से 5 सेमी पानी भरा होना चाहिए। इन दोनों ही विधि में पैदावार करीब-करीब एक समान ही मिलती है लेकिन सीधी रोपण विधि में समय कम लगता है। सीधी रोपण विधि से बीजों की बुवाई 20 जून से पहले कर सकते हैं।

धान की खेती : बुवाई को आसान बनाएगी राइस ट्रांसप्लांटर मशीन (Paddy cultivation: Rice transplanter machine will make sowing easier)

धान की खेती में पौध की रोपाई का काम सबसे कठिन माना जाता है। कई बार तो पीक सीजन में हालात इतने विकट हो जाते हैं कि धान की रोपाई के लिए श्रमिक ही नहीं मिलते हैं और जो श्रमिक मिलते हैं उन्हें मुंहमागी मजदूरी देनी पड़ती है, इससे धान की खेती में लागत बढ़ जाती है। धान रोपाई के कठिन कार्य को आसान बनाने के लिए बाजार में कई कंपनियों के राइस ट्रांसप्लांटर उपलब्ध है। राइस ट्रांसप्लांटर बड़ी तेज स्पीड से खेतों में धान की रोपाई करता है। अगर किसान धान की बुवाई में इस मशीन का उपयोग करते हैं तो उनकी श्रम लागत कम आएगी। कम खर्च में धान की बुवाई संभव हो सकेगी। यह मशीनरी घास काटने की मशीन, इंजन, ट्रांसमिशन, बिजाई ट्रे, घसीटने वाले पहियों आदि के साथ बनाई गई है। यह इम्प्लीमेंट बिजाई और रोपण प्रक्रिया के लिए उपयुक्त है।

राइस ट्रांसप्लांटर ऐसे करता है काम (This is how rice transplanter works)

धान की खेती में राइस ट्रांसप्लांटर का उपयोग बहुत आसान है। इस मशीन में सबसे पहले धान की पौध को लोड करना होता है। यह मशीन एक संतुलित स्पीड से समान दूरी पर पौध की रोपाई करती है। राइस प्लांटर से रोपाई करने पर पौध को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। इस मशीन से सधी हुई और निश्चित दूरी पर रोपाई से फसल की पैदावार और उत्पादकता दोनों में वृद्धि होती है। पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन प्रति एकड़ में धान की बुवाई दो घंटे में करती है और एक बार में ही 4 से 8 कतारों में रोपाई कर सकती है।

बाजार में उपलब्ध राइस ट्रांसप्लांटर (Rice transplanter available in the market)

अगर राइस ट्रांसप्लांटर के प्रकार के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि बाजार में दो तरह के राइस ट्रांसप्लांटर उपलब्ध है। इनकी विशेषताएं इस प्रकार है :

राइडिंग टाइप : यह एक तरह का मिनी ट्रैक्टर (tractor) ही होता है। यह पैडी ट्रांसप्लांटर अपने हल्के वजन के कारण खेत में मिट्टी को बिना नुकसान पहुंचाए धान की रोपाई करता है। किसान इस पर बैठकर एक साथ 6 से 8 लाइनों की रोपाई कर सकते हैं।  

वॉकिंग टाइप : इस प्रकार का ट्रांसप्लान्टर मैन्युअल रूप से संचालित होता है और एक साथ 4-लाइनों की रोपाई कर सका है। वॉकिंग टाइप ट्रांसप्लांटर मशीन बहुत साधारण होती है। किसान इस मशीन को धक्का देकर चलाता है और रोपाई के लिए सेटिंग खुद से मिलानी होती है।

राइस ट्रांसप्लांटर की बेस्ट कंपनियां और बाजार कीमत (Best companies and market price of rice transplanter)

अगर आप राइस ट्रांसप्लांटर खरीदना चाहते हैं तो भारत में यानमार, महिंद्रा, कुबोटा, खेदूत, वीएसटी आदि कंपनियों के ट्रांसप्लांटर उपलब्ध है। कीमत 1 लाख 90 हजार रुपए से शुरू होकर 19 लाख 84 हजार 500 रुपए तक है।

राइस ट्रांसप्लांटर पर इन किसानों को मिलेगी सब्सिडी (These farmers will get subsidy on rice transplanter)

धान किसानों को समय-समय पर विभिन्न कृषि उपकरणों पर सब्सिडी मिलती है जिसमें राइस ट्रांसप्लांटर भी शामिल है। अगर किसान राइस ट्रांसप्लांटर पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहता है तो उसे कृषि मशीनीकरण पर उपमिशन योजना के तहत आवेदन करना होगा। इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे व श्रमिक किसानों व महिलाओं को राइस ट्रांसप्लांटर की खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपए की सब्सिडी का प्रावधान है। वहीं अन्य वर्ग के किसान 40 प्रतिशत या अधिकतम 6.50 लाख रुपए की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।  

राइस ट्रांसप्लांटर सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन (Online Application for Rice Transplanter Subsidy)

राइस ट्रांसप्लांटर सब्सिडी की अधिक जानकारी व योजना पर अपडेट के लिए आधिकारिक पोर्टल https :// agrimachinery . nic.in/ पर विजिट करें और योजना शुरू होते ही आवेदन कर सकते हैं।

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