आपदाओं एवं कीट-रोगों से प्रभावित मध्यप्रदेश के किसानों को सरकार से बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने 8 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में कुल ₹653.34 करोड़ की मुआवजा राशि अंतरित की है। यह राहत राशि उन किसानों को दी गई है, जिनकी फसलें हाल ही में बाढ़ और बीमारियों से प्रभावित हुई थीं। सरकार के इस कदम से किसानों को आर्थिक सहारा मिलेगा और आगामी रबी मौसम की तैयारी में मदद मिलेगी। आइए जानते हैं, किन किसानों को यह राशि मिली है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से प्रभावित किसानों को राहत राशि जारी की। इस दौरान प्रदेश के 13 जिलों के 8 लाख 84 हजार 772 किसानों को ₹653.34 करोड़ की मुआवजा राशि सिंगल क्लिक से उनके बैंक खातों में अंतरित की गई। कार्यक्रम में बताया गया कि हाल ही में हुई अतिवृष्टि, बाढ़ और सोयाबीन में पीला मोजेक रोग से फसलों को भारी नुकसान हुआ था। इनमें से 3.90 लाख किसानों को अतिवृष्टि और बाढ़ से हुई फसल क्षति के लिए ₹331.34 करोड़, जबकि कीट और पीला मोजेक रोग से हुई क्षति प्रभावित 4.94 लाख किसानों को ₹322 करोड़ की राहत राशि दी गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीड़ित किसानों से संवाद भी किया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान पर कोई भी विपदा या आपदा आए, संकट की हर घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है और आगे भी हर संभव मदद करती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आखिरी पीड़ित किसान को सहायता राशि नहीं मिल जाती, हमारी सरकार चैन से नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के चेहरों की मुस्कान ही हमारी असली दीपावली जैसी है। किसानों की मेहनत और जज्बा फिर से उनके खेतों को जीवन और समृद्धि से भर देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित किसानों को राहत राशि देने के लिए नुकसान का सर्वे कराया था। सरकार ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर यह सहायता राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 4 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से 6 लाख 69 हजार से अधिक धान उत्पादक किसानों के खाते में 337 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का अंतरण किया है। सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भी भावान्तर योजना शुरू की गई है। फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अन्तर की राशि सरकार सीधे किसानों को देगी। हम किसानों का कोई नुकसान नहीं होने देंगे। फसल सर्वे के कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। सभी प्रभावित किसान भाइयों को राहत राशि देकर उनके चेहरे की खोई मुस्कान लौटाना ही हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वर्ष 2025-26 में अब तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को विभिन्न मदों में कुल 229 करोड़ 45 लाख रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है। पिछले महीने 6 सितंबर को ही फसल क्षति हेतु 11 जिलों के 17 हजार से अधिक किसानों को 20 करोड़ से अधिक की राहत राशि दी थी। उन्होंने कहा प्रदेश के इतिहास में पहली बार राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन में पीले मोजेक रोग से प्रभावित किसानों को राहत राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि सरकार द्वारा भावांतर योजना लागू की गई है। इस भावांतर योजना के तहत ई-उपार्जन पोर्टल पर 17 अक्टूबर 2025 तक सोयाबीन फसल का पंजीयन किया जाएगा। इसके साथ ही फसल विक्रय के लिए भावांतर अवधि 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है।
सरकार ने 13 जिलों की 51 तहसीलों के किसानों को प्राकृतिक आपदा और कीट प्रकोप से हुई फसल क्षति के लिए राहत राशि दी है।
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