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IIT के वैज्ञानिकों ने विकसित किया बगीचों के लिए स्मार्ट स्प्रेयर

IIT के वैज्ञानिकों ने विकसित किया बगीचों के लिए स्मार्ट स्प्रेयर
पोस्ट -25 जनवरी 2025 शेयर पोस्ट

आईआईटी ने बनाया LiDAR-आधारित स्मार्ट स्प्रेयर, 40 प्रतिशत तक करेगा दवा और केमिकल्स की बचत

Smart Sprayer Machine IIT Kanpur : देश में बागवानी का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किसान बड़े स्तर पर विभिन्न फलों की बागवानी से जुड़े हुए हैं और इनके उत्पादन से बेहतर मुनाफा हासिल कर रहे हैं। हालांकि, बागानों से गुणवत्तायुक्त उत्पादन लेने के लिए किसानों को काफी श्रम करना पड़ता है। पेड़ों व फल उत्पादों को कीट-रोगों से बचाने के लिए दवा और केमिकल्स का छिड़काव करना होता है। अभी तक देशभर के किसान जब भी अपने बागानों में दवा या केमिकल्स का छिड़काव करते थे, तो उन्हें अधिक समय लगता था और पेड़ों पर दवा का छिड़काव भी ठीक ढंग से नहीं हो पाता था। साथ ही दवाओं की बर्बादी भी अधिक होती थी। बहरहाल, अब बगीचों में दवा छिड़काव में आने वाली समस्या का समाधान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के वैज्ञानिकों ने कर दिया है। आईआईटी के वैज्ञानिकों ने LiDAR-आधारित स्मार्ट स्प्रेयर विकसित किया है। इस स्प्रेयर की मदद से किसान जब अपने बगीचों में पेड़ों पर दवा या केमिकल्स का छिड़काव करेंगे तो वह सभी पेड़ों की पत्तियों और डंठलों तक पहुंचेगा। इससे पहले की अपेक्षा दवाओं और केमिकल्स में 40 प्रतिशत तक की बचत भी हो सकेगी। 

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स्मार्ट खेती के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि (An important achievement in the field of smart farming)

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने सिमडास ऑटोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड और इंडस्ट्री पार्टनर एवी एग्रीटेक (AV Agritech) के साथ मिलकर बागवानी में क्रांति लाने के लिए अपनी तरह की पहली लाइडर आधारित इंटेलिजेंट स्प्रेयर तकनीक विकसित की है। यह इनोवेशन कृषि रसायन की बर्बादी को कम करता है, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देता है। साथ ही एडवांस प्रिसिशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से दक्षता बढ़ाता है। आईडियाल टीआईएच आईएसआई कोलकाता परियोजना के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित, यह तकनीक स्मार्ट खेती (Smart Farming) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह किसानों को बेहतर उपकरणों के साथ सशक्त बनाता है, भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की सुरक्षा करता है। हमारा लक्ष्य ऐसे समाधान बनाना है, जो न केवल प्रभावी हों बल्कि देशभर के किसानों के लिए सुलभ और व्यावहारिक भी हों, जो रोजमर्रा की खेती में उन्नत तकनीक को एकीकृत करते हो। यह बातें आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर भारत लोहनी ने कही। 

बागवानी में एक आदर्श बदलाव (A paradigm shift in gardening)

इस स्प्रेयर तकनीक को आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर भारत लोहनी ने अपनी टीम के साथ मिलकर बनाया है। इस स्प्रेयर पर बोलते हुए प्रो. लोहनी ने कहा लाइट डिटेक्शन ऐंड रेंजिंग (LiDAR) आधारित इंटेलिजेंट स्प्रेयर बागवानी में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है। यह प्रिसिजन कृषि को अत्याधुनिक तकनीक के साथ जोड़ता है, जो कृषि रसायनों के अत्यधिक उपयोग को कम करने और टिकाऊ खेती के तरीकों को सुनिश्चित करने की दोहरी चुनौती का समाधान प्रदान करता है। प्रोफेसर ने बताया कि इस स्मार्ट स्प्रेयर का सफल परीक्षण आईआईटी कानपुर की लैब व आम के बागानों व सोनीपत के खेतों में हुआ है। अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र में खेतों में इसका परीक्षण किया जाएगा। साथ ही इसके चार प्रोटोटाइप टेस्ट भी किया जाएगा। 

छिड़काव करना होगा आसान (spraying will be easy)

प्रोफेसर भरत ने बताया कि दिन और रात किसी भी समय कार्य करने की क्षमता वाला यह इंटेलिजेंट स्प्रेयर, पेड़ों को स्कैन करने के लिए एडवांस लीडर (LiDAR) प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है, जिससे रासायनिक अनुप्रयोग में सटीकता सुनिश्चित होती है और संसाधन की बर्बादी को आसानी से बचाया जा सकता है। यह प्रणाली एक एकीकृत जीपीएस (GPS) मोबाइल ऐप से लैस है जो छिड़काव किए गए क्षेत्रों, कृषि रसायन की खपत और डिवाइस के प्रदर्शन का वास्तविक समय में अपडेट प्रदान करता है। किसान के स्मार्टफोन पर इस ऐप को अपलोड किया जाएगा। इस ऐप की मदद से किसान जब अपने खेतों में इस स्मार्ट स्प्रेयर को लेकर पहुंचेंगे तो उनके फोन पर स्वतः एक मैप तैयार हो जाएगा।  जिसमें सभी पौधों की संरचना दिखेगी फिर जैसे-जैसे स्मार्ट स्प्रेयर से किसान बगीचों में दवा व कीटनाशक का छिड़काव कर देंगे वैसे-वैसे डाटा भी किसान के स्मार्टफोन पर दिखाई देगा और एक तय अवधि में किसान अपने पूरे खेत में दवा या केमिकल्स का छिड़काव कर लेंगे। 

तीन से चार सालों तक कर सकेंगे प्रयोग (Will be able to experiment for three to four years)

प्रोफेसर भरत ने बताया यह प्रणाली किसानों की सामान्य चुनौतियों जैसे कि इसको संचालित कर रहे ऑपरेटर द्वारा गति को बढ़ाना या घटाना और रसायन का छिड़काव करते समय लेन छोड़ना आदि का भी समाधान कर करता है।  किसान इस अत्याधुनिक तकनीक को आसानी से अपना सकें, जिससे यह उनकी मूल कृषि आवश्यकताओं के लिए एक स्केलेबल समाधान बन सके। आने वाले महीनों में बड़े पैमाने पर उत्पादन की उम्मीद के साथ, इसकी मौजूदा कीमत में और गिरावट आने का अनुमान है, जिससे यह देशभर के किसानों और वैश्विक स्तर पर सभी को सुलभ हो जाएगा। इस तकनीक को 4-5 महीनों के अंदर व्यावसायिक रूप से लॉन्च किया जाएगा, जो उन्नत कृषि उपकरणों को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। फिलहाल इस स्मार्ट स्प्रेयर की कोई तय कीमत नहीं है। जल्दी ही इसकी कीमत तय की जाएगी। इसकी लाइफ लगभग तीन से चार साल तक होगी। किसानइसे एक बार खरीद कर प्रयोग कर सकेंगे।

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