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दलहनी, तिलहनी व जड़ वाली फसलों के लिए 75% सब्सिडी पर जिप्सम खाद

दलहनी, तिलहनी व जड़ वाली फसलों के लिए 75% सब्सिडी पर जिप्सम खाद
पोस्ट -21 मई 2025 शेयर पोस्ट

कृषि विभाग से लें 75% सब्सिडी पर जिप्सम खाद, मिट्टी की सेहत सुधारे और फसल उत्पादन में पाएं अधिक लाभ।

Gypsum fertilizer Subsidy : फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारने की आवश्यकता होती है। किसान भूमि की सेहत सुधारने के लिए, खेतों में जिप्सम का उपयोग करते हैं, जो उनके लिए काफी फायदे का सौदा साबित हो रहा है। जिप्सम (Gypsum) पौधों की वृद्धि के लिए सल्फर के स्रोत के रूप में कार्य कर सकता है। इसे फसलों का उत्पादन बढ़ाने और भूमि के स्वास्थ्य को सुधाने के लिए एक चमत्कारी उर्वरक माना जाता है। दलहनी, तिलहनी और जड़ वाली फसलों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है, इसलिए, कृषि विभाग किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर जिप्सम उपलब्ध करा रहा है। इससे किसानों को खेतों में उगाई जाने वाली फसलों से कम लागत में बेहतर पैदावार मिल सकेगी। 

जिप्सम उपयोग के फायदे (Advantages of Gypsum Use)

भूमि को सुधारने और फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए जिप्सम के इस्तेमाल पर कृषि विभाग ने 75 प्रतिशत अनुदान निर्धारित किया है। जिप्सम भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में लाभकारी है। इसमें कैल्शियम व सल्फर पाया जाता है, जिससे फसलों को बेहतर पोषण मिलता है और उनकी सेहत बढ़ती है। इससे कम लागत के साथ अच्छी उपज मिलती है। जमीन में जिप्सम का उपयोग करने से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम और सल्फर की मात्रा बढ़ती है। इससे भूमि में फास्फोरस की मात्रा कम डालनी पड़ती है। तलहनी फसलों में तेल की मात्रा बढ़ाने में जिप्सम का बहुत बड़ा रोल होता है। जिप्सम (Gypsum) मिट्टी में कठोर परत बनने से रोकता है, यह मिट्टी में जल धारण की क्षमता को बढ़ाता है और मिट्टी का पीएम मान भी नियंत्रित करता है, जिससे फसलों पर लगने वाले रोग नियंत्रित होते हैं। 

किसान यहां से ले सकता है जिप्सम (Farmers can get gypsum from here)

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सभी ब्लॉको में संचालित राजकीय बीज भंडारों में जिप्सम उपलब्ध कराने के साथ 75 प्रतिशत अनुदान देने की भी व्यवस्था की गई। किसानों को मात्र 25 फीसदी कृषि अंश ही देना होगा। किसान पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर जिप्सम ले सकता है। एक किसान को 2 हेक्टेयर क्षेत्रफल तक 6 क्विटंल, 12 बोरी जिप्सम उपलब्ध होगी। एक बोरी का मूल्य 216.10 रुपए है, जिस पर किसान को 75 फीसदी अनुदान मिलेगा। विभाग के पास किसानों को देने के लिए 521 मीट्रिक टन जिप्सम उपलब्ध है।

साल में एक बार  2 से 3 जिप्सम जरूर डालें (Add 2 to 3 gypsum once a year)

अधिकारियों का कहना है कि किसान अपनी फसलों से अच्छा उत्पादन लेने के लिए कृषि विभाग से जिप्सम ले रहे हैं। जिप्सम को साल में एक बार 2 से 3 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से खेत में डालना चाहिए। इसे डालकर पानी से खेत भर देना चाहिए, जिसके बाद में फसल की बुवाई करने पर किसान को फसल का अच्छा उत्पादन मिलता है। 

बता दें कि जिप्सम प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक नरम सल्फेट खनिज है, जो कैल्शियम सल्फेट डाइहाइड्रेट से बना होता है। यह सफेद या भूरे रंग का होता है, हालांकि, अशुद्धियों के कारण यह अन्य रंगों में भी दिखाई दे सकता है। जिप्सम का उपयोग कृषि में उर्वरक के रूप में, दीवारों और छतों के निर्माण में और अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है।  जिप्सम पौधों की वृद्धि के लिए सल्फर के स्रोत के रूप में कार्य कर सकता है और इसे लगभग चमत्कारी उर्वरक माना जाता है। 

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