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किसानों को मात्र 1 रुपए में दिए जाएंगे फल, सब्जियों की उन्नत किस्म के पौधे

किसानों को मात्र 1 रुपए में दिए जाएंगे फल, सब्जियों की उन्नत किस्म के पौधे
पोस्ट -04 जनवरी 2025 शेयर पोस्ट

किसानों को हाई टेक नर्सरी से मिलेंगे फल और सब्जियों की उन्नत किस्म के पौधे

High tech nursery : कृषि क्षेत्र से अधिक मुनाफा कमाने के लिए ज्यादातर किसान फल एवं सब्जियों की खेती पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे उन्हें बेहतर आर्थिक लाभ भी मिल रहा है। इसको देखते हुए सरकार द्वारा किसानों को उन्नत किस्मों के बीज और पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि किसान आसानी से खेती करते हुए अधिक उत्पादन से अच्छा पैसा कमा सके। ऐसे में सब्जी एवं फल फसलों की बागवानी खेती करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। ऐसे किसानों को जल्द ही मात्र एक रुपए की लागत में फसलों के पौधे मिलेंगे। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, यूपी सरकार ने 2.16 करोड़ रुपए की लागत से दो हाई टेक नर्सरियां स्थापित की है। इन नर्सरियों में फल एवं सब्जियों की उन्नत किस्म के पौधे तैयार कर मात्र 1 रुपए प्रति पौध के दाम पर किसानों को दिये जाएंगे। इससे किसानों को खेती करने में आसानी होगी और सब्जियों की खेती से बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। 

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हाईटेक नर्सरी का निर्माण कार्य पूरा (Construction work of hi-tech nursery completed)

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में इजराइली तकनीकी आधारित 150 हाईटेक नर्सरी तैयार की जा रही है। इस प्रस्तावित परियोजना का क्रियान्वयन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम योजना (मनरेगा / MNREGA) के अंतर्गत किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के हर जिले में करीब दो करोड़ रुपए की लागत में 2 हाईटेक नर्सरी तैयारी की जा रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले की सदर तहसील क्षेत्र के खिरिया मिश्र में 1.08 करोड़ रुपए की लागत से हाईटेक नर्सरी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और कुछ ही सप्ताह में इस नर्सरी में स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों एवं आसपास के क्षेत्रों में मांग के अनुसार पौध भी तैयार होने की उम्मीद है। इसके अलावा, महरौनी तहसील क्षेत्र के खिरिया लटकनजू में लगभग एक एकड़ भूमि पर 1.08 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई नर्सरी में अब तक 30 हजार पौध तैयार भी कर लिया गया है। इस नर्सरी में किसानों के लिए सब्जियों और फलों की तकनीक पर आधारित पौधे तैयार किए जा रहे हैं। 

इन फसलों के लिए तैयार हो रही है पौध (Saplings are getting ready for these crops)

उद्यान विभाग की ओर से निर्धारित मानकों के अनुरूप तैयार की गई हाईटेक नर्सरी (High Tech Nursery) में उन्नत किस्मों के बीजों से शिमला मिर्च, हरी मिर्च, गोभी, टमाटर, लौकी, खीरा, बैंगन, प्याज फसलों के लिए पौध तैयार हो रही है। इसके लिए यहां पॉली हाउस एवं अन्य मॉडर्न टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है और सीडलिंग प्रौद्योगिकी पौध तैयार किए जा रहे हैं। इसमें भौगोलिक परिस्थितियों और आसपास के किसानों की मांग पर सब्जी की पौध तैयार हो रही है। साथ ही इसमें उद्यान विभाग नर्सरी के लिए भी यहां पौध तैयार की जाएंगी। नर्सरी से किसानों को सस्ते दाम पर पौध उपलब्धता सुनिश्चित होने से उन्हें खेती करने में आसानी होगी। खिरिया मिश्र में 1 करोड़ 8 लाख रुपए की लागत से तैयार हो रही इस नर्सरी का विकास कार्य अंतिम चरण में हैं। एक हेक्टेयर क्षेत्र में बनने वाली इस नर्सरी में अभी तकनीक काम शेष है। इसके बाद किसानों को यहां से भी पौधे मिल सकेंगे। 

हर जिले में हाईटेक नर्सरी (Hi-tech nursery in every district)

जानकारी के लिए बता दें कि ग्राम्य विकास विभाग, मनरेगा के तहत हर जिले में हाईटेक नर्सरी की स्थापना कर रही है। नर्सरी स्वयं सहायता समूह, विलेज ऑर्गेनाइजेशन व क्लस्टर लेवल फेडरेशन के सदस्यों के सामूहिक रूप से अवस्थित भूमि (विभाग के तय मानक के अनुरूप) पर किया जा रहा है। नर्सरी की लागत एक करोड़ अनुमानित है। इसमें पौध व उन्नतशील बीज उद्यान विभाग को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उद्यान विभाग के अनुसार 1 से 4 हेक्टेयर का क्षेत्रफल नर्सरी के लिए अनिर्वाय है। नर्सरी में हर साल करीब 15 लाख शाक-भाजी, फल और औषधीय आदि के पौधे तैयार किए जाएंगे। नर्सरी में फलों और चयनित सब्जियों के पौध तैयार करने के लिए हाईटेक ग्रीन हाउस, नेट हाउस और तकनीकी सिंचाई की सुविधा का इस्तेमाल किया जा रहा है। उद्यान विभाग द्वारा नर्सरियों को स्वयं सहायता समूह को सौंपा गया है, जिससे स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो सकें। 

इन्हें आवंटित किए जाएंगे पौधे (Saplings will be allotted to them)

नर्सरी में तैयार शाक-भाजी और फल के पौध की बिक्री मात्र एक से डेढ़ रुपए प्रति पौधा स्थानीय स्तर पर किसानों, क्षेत्रीय स्तर पर किसान उत्पादन संगठनों (एफपीओ), राज्य स्तर पर अन्य प्राइवेट नर्सरियों और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्य सरकारों को पौधारोपण/खेती के लिए किया जाएगा। वहीं, अन्य राज्यों के इच्छुक किसान एवं किसान उत्पान संगठनों को भी खेती के लिए उन्नत किस्म के पौधे आवंटित किया जाएगा।

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