किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने फिर से एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने रबी सीजन 2026-27 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके तहत 6 मुख्य फसलों का एमएसपी बढ़ाया गया है। इस बार मसूर के लिए ₹7,000 प्रति क्विंटल, गेहूं के लिए ₹2,585 प्रति क्विंटल और सरसों के लिए ₹6,200 प्रति क्विंटल तय किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। सरकार का कहना है कि फसलों के समर्थन मूल्य में यह बढ़ोतरी किसानों को उनकी लागत पर 50 प्रतिशत से लेकर 109% तक का लाभ दिलाएगी, जिससे फसल विविधीकरण (Crop Diversification) को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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फसल |
MSP 2026-27 (₹/क्विंटल) |
MSP 2025-26 (₹/क्विंटल) |
MSP में वृद्धि (₹) |
उत्पादन लागत (₹/क्विंटल) |
लागत पर लाभ (%) |
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गेहूं |
2,585 |
2,425 |
160 |
1,239 |
109% |
|
जौ |
2,150 |
1,980 |
170 |
1,361 |
58% |
|
चना |
5,875 |
5,650 |
225 |
3,699 |
59% |
|
मसूर |
7,000 |
6,700 |
300 |
3,705 |
89% |
|
सरसों/रेपसीड |
6,200 |
5,950 |
250 |
3,210 |
93% |
|
कुसुम (सनफ्लावर) |
6,540 |
5,940 |
600 |
4,360 |
50% |
केंद्र सरकार ने विपणन सीजन 2026-27 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थम मूल्य में वृद्धि की है, ताकि किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सकें। इस बार सर्वाधिक वृद्धि सनफ्लावर (कुसुम) के समर्थन मूल्य में 600 रुपए प्रति क्विंटल की गई है, इसके बाद मसूर में 300 रुपए प्रति क्विंटल, सरसों व रेपसीड में 250 रुपए, चना में 225 रुपए, जौ में 170 रुपए और गेहूं में 160 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि केंद्र सरकार के बजट 2018-19 में किए गए उस वादे के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि एमएसपी को फसल की औसत लागत का कम से कम 1.5 गुना रखा जाएगा। रबी विपणन सत्र 2026-27 के लिए घोषित MSP में लागत के मुकाबले सबसे ज्यादा लाभ गेहूं (109%) में है। इसके बाद सरसों (93%), मसूर (89%), चना (59%), जौ (58%) और कुसुम (50%) पर है।
फसल सीजन से पहले CCEA (कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस) की सिफारिश पर एमएसपी तय होती है। फसलों के लिए तय MSP में उत्पादन लागत जैसे- मजदूरी, मशीनों का किराया, पट्टे की जमीन का किराया, बीज, खाद, सिंचाई, डीजल, बिजली, उपकरणों की मरम्मत, कार्यशील पूंजी पर ब्याज और पारिवारिक श्रम की कीमत शामिल होती हैं। प्रत्येक फसल सीजन सरकार 26 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है। इनमें अनाज की सात (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ), दलहन की सात चना, अरहर (तुअर), उड़द, मूंग और मसूर, तिलहन की सात रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड और चार व्यापारिक फसलें कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट शामिल है।
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