टिशु कल्चर विधि पर सब्सिडी, जानें पूरी जानकारी

जानें क्या है टिशु कल्चर विधि?

पौधों में टिशु कल्चर एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी भी पादप ऊतक जैसे जड़, तना, पुष्प आदि को निर्जर्मित परिस्तिथियों में पोषक माध्यम पर उगाया जाता है।

टिशु कल्चर तकनीक उपयोग का उद्देश्य

दरअसल बिहार राज्य के कई जिलों में केले की खेती बड़े पैमाने पर होती है। इस कारण बिहार सरकार किसानों को केले की खेती की उत्पादकता को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए टिशु कल्चर विधि के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

टिशु कल्चर विधि से किसानों को लाभ

टिशु कल्चर विधि से केले की खेती में न सिर्फ कम समय में केले का पौधा तैयार हो जाता है, बल्कि इस विधि से तैयार पौधों की गुणवत्ता भी सामान्य केले के मुकाबले अच्छी होती है। साथ ही यह किसानों को मुनाफा भी ज्यादा देती है।

टिशु कल्चर पर कितनी सब्सिडी?

बागवानी, सब्जियों की खेती में टिश्यू कल्चर विधि का प्रयोग करके एक सफल किसान बन सकते है। इस विधि केले की खेती करने के लिए बिहार सरकार किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही हैं। 

टिशु कल्चर विधि से केले का उत्पादन

टिशु कल्चर से खेती करने पर 24 से 25 महीने के अंदर दो फसल तैयार हो जाता हैं। टिशु कल्चर केले सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे तैयार पौधों से 30 से 40 किलो प्रति पौधा केला मिलता है।

स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

टिशु कल्चर केला औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ -साथ यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक भी है। टिशु कल्चर केले विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होते हैं।

यहां क्लिक करें