स्टेकिंग विधि - जानें स्टेकिंग विधि के बारें में और बढ़ाएं अपनी इनकम

स्टेकिंग विधि

बांस व लोहे के डंडे, पतले तार और रस्सी इन सब सामानों से खेती के लिए जाल बनाया जाता है। पौधों की लताएं फैल जाती है। पैदावार जमीन के संपर्क से दूर रही है और सड़ने से बचती है।

उपलब्ध सब्सिडी

सरकार इस विधि के अनुदान अधिकतम क्षेत्र 1 से 2.5 एकड़ के लिए है। इसके लिए सरकार 50 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है।

सब्सिडी राशि

बांस स्टैकिंग की लागत अगर 62,500 रुपये प्रति एकड़ है, तो इस पर 31,250 से लेकर 56,250 रुपये और लोहे की स्टैकिंग की लागत 1.41 लाख रुपये प्रति एकड़ पर 70,500 से 1.26 लाख रुपये तक अनुदान दे रही है।

विधि से लाभ

सब्जियों की फसल में सड़न नहीं होती, क्योंकि फसल जमीन के संपर्क के बजाए ऊपर लटकी रहती है, पैदावार अधिक मिलती है। किसानों को अच्छा खासा मुनाफा मिलता है।

इन सब्जियों की खेती में करें प्रयोग

इस तकनीक का प्रयोग करेला, लौकी, मिर्च, बैंगन और टमाटर सहित कई अन्य सब्जियों की खेती में अधिक पैदावार के लिए कर सकते है।

यहा करें ऑनलाइन आवेदन

स्टैकिंग विधि सब्सिडी योजना के लिए आपको ऑनलाइन अप्लाई के लिए बागवानी पोर्टल  http://hortharyana.gov.in/en पर आवेदन करना होगा।

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