वर्मी कम्पोस्ट पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैविक उर्वरक है। यह केंचुआ आदि कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाती है।
वर्मी कम्पोस्ट को बढ़ावा दे रही सरकार
सरकार जैविक खाद के इस्तेमाल के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए किसानों को अपने खेतों में केंचुआ खाद बनाने के लिए गड्ढा तैयार करने पर अनुदान दे रही है।
वर्मी कंपोस्ट यूनिट से लाखों का मुनाफा
वर्मी कंपोस्ट यूनिट से तैयार खाद को किसानों को बेच कर 2-3 लाख रूपये हर महीने मुनाफा कमा सकते हैं।
वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की विधि
भूमि के ऊपर नर्सरी बेड तैयार करें, बेड को लकड़ी से हल्के से पीटकर पक्का व समतल बना लें। इस तह पर 6-7 से.मी. (2-3 इंच) मोटी बालू रेत या बजरी की तह बिछायें।
वर्मी कंपोस्ट की विशेषताएँ
इस खाद में बदबू नहीं होती है तथा मक्खी, मच्छर भी नहीं बढ़ते है जिससे वातावरण स्वस्थ रहता है। इससे सूक्ष्म पोषित तत्वों के साथ-साथ नाइट्रोजन 2 से 3 प्रतिशत, फास्फोरस 1 से 2 प्रतिशत, पोटाश 1 से 2 प्रतिशत मिलता है।
प्रति माह एक टन कंपोस्ट का उत्पादन
खाद तैयार होने में एक से डेढ़ माह का समय लगता है। 100 वर्गफुट आकार की यूनिट से प्रत्येक माह एक टन खाद प्राप्त हो जाता है।