सेम की खेती के बारे में जानकारी - जानें कैसे होगी सेम की खेती

सेम के पौधें का वानस्पतिक नाम

पौधें का वानस्पतिक नाम-डॉलीकस लबलब है।

उपयुक्त मिट्टी

अच्छे जल निकास वाली चिकनी दोमट व बलुई रेतीली मिट्टी एवं भूमि का पीएच मान 5.5 से 6.0

उपयुक्त जलवायु

खेती के लिए ठंडी जलवायु उपयुक्त हैं, 15 से 22 डिग्री तापमान उपयुक्त माना गया है।

सेम की उन्नत किस्में

एचडी- 1,18, डीबी-01,18, एचए- 3, रजनी, बी.आर.सेम-11, पूसा सेम- 2 (सिलेक्शन 12) , पूसा सेम- 3 (सिलेक्शन 15), जवाहर सेम- 53, जेडीएल-053, 85, सेमी की उन्नत किस्में हैं।

खेती के लिए बीजो की रोपाई का समय

बीजो की रोपाई अक्टूबर से नवम्बर माह के मध्य तक की जानी चाहिए।

रोपाई का तरीका

खेत में पहले लगभग 1.5 मी. की चौ. क्यारियाँ बना लें। दोनों किनारों पर करीब 1.5 से 2.0 फीट की दूरी व 2 से 3 सेंमी. की गहराई में 2 से 3 बीजों की बुवाई करें ।

पौधों की सिंचाई

बीज अंकुरण के समय नमी के लिए 3 से 4 दिन के अंतराल में पानी देते रहना चाहिए। गर्मियों में 8 से 10 के अंतराल में करें।

सेम की खेती में खर्च एवं पैदावार

एक हेक्टेयर भूमि में लगभग 20 से 25 हजार तक का खर्च आता है। एक हेक्टेयर खेत से तकरीबन 100 से 150 क्विंटल उत्पादन हो सकता है।

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