खेती का क्षेत्र
राजस्थान में इसकी खेती लगभग 3.47 लाख हैक्टर क्षेत्र में की जाती है, जिससे लगभग 6.81 लाख टन उत्पादन होता है। इसकी औसत उपज 1963 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर है।
प्रोटीन और फाइबर
ये प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है। इसमें 45-55 प्रतिशत प्रोटीन, 28-30 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।
उन्नत किस्में
आर. जी. 425, एच.एन.जी.10, टीजी 37 ए, जी जी 2, जे.जी.एन 3 एवं जे.एल 501 अच्छी पैदावार देने वाली उन्नत किस्में है। 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार है।
जलवायु एवं भूमि
पौधा उष्णकटिबंधीय जलवायु वाला होता है। हल्की पीली दोमट उचित जल निवासी वाली जिसका पीएच मान 6-7 के मध्य हो 15-35 डिग्री का तापमान उपयुक्त है।
बीजों की मात्रा
मूंगफली की गुच्छेदार प्रजातियों का 60 से 80 किलोग्राम एवं फैलने व अर्द्ध फैलने वाली प्रजातियों का 50-65 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें।
बुवाई एवं बुवाई की विधि
बुवाई जून के द्वितीय सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह में की जाती है। इसकी बुवाई रेज्डध्ब्रोड-बेड पद्धति से किया जाना लाभप्रद रहता है। इस
रोगों की रोकथाम
प्रमुख रूप से पर्ण चित्ती, टिक्का, लीफ माइनर, कॉलर, तना गलन और रोजेट रोग का मुख्य प्रकोप होता है। डाइथेन एम-45, इमिडाक्लोप्रिड 0.5 की उचित मात्रा का छिड़काव 10 दिन के अंतराल में दो से तीन बार करें।