फालसा की खेती करें, लाखों का मुनाफा कमाएं

फालसा की खेती के लिए कैसी जलवायु और भूमि की जरूरत होती है?

फालसा की खेती सूखा प्रभावित और पठारी क्षेत्रों में की जाती है। यह ठंडी तासीर वाला फल होता है।

देश के कौन-कौन से प्रदेशों में फालसा बहुतायत से होता है?

यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं ओडिसा के अलाव उत्तरप्रदेश के दक्षिणी जिले बुंदेलखंड, कोंकण आदि में 
होता है।

इससे कैसे अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है?

बता दें कि फालसा का फल बहुत स्वादिष्ट होता है। यह मीठा और ठंडा होता है। फलों को बाजार में अच्छी मांग होती है ।

फालसा की कितनी प्रजातियां पाई जाती हैं, ये किस वनस्पति परिवार का पौधा है?

फालसा की करीब 150 प्रजातियां पाई जाती हैं, यह तिलासिया परिवार का पौधा है।

फालसा को हाल ही कौनसे प्रदेश में प्रोत्साहित किया जा रहा है?

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तहत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन ने जम्मू क्षेत्र में फालसे की खेती को प्रोत्साहित करने के इसके काम को शुरू किया है।

फालसा के पौधों में कौन-कौन से रोग लगने की आशंका रहती है?

फालसा की फसल में लीफ स्पॉट डिजीज, रस्ट,  पाउडी मिल्ड्यू आदि रोग लग सकते हैं। इनके निवारण के लिए कीटनाश दवा कृषि विशेषज्ञों की राय से स्प्रे करें।

फालसा में अधिक पैदावार के लिए सरल उपाय क्या है?

फालसा में फल लगने से पहले इसकी छंटाई करें इससे अधिक फल उत्पादित होंगे।

फालसा के पौधों में कितने दिन बाद फल लगना शुरू होते हैं?

इसमें फूल आने के करीब 45 दिन बाद फल लगते हैं, फलों की तुड़ाई जून से अगस्त तक चलती है।

फालसा की खेती के लिए कैसी भूमि का चयन करना चाहिए?

जहां जल एकत्र नहीं हो, जमीन की मिट्टी दोमट किस्म की हो तो ज्यादा उपजाऊ रहती है।

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