सोयाबीन की उन्नत खेती की पूरी जानकारी, जानें बुवाई का अनुकूल समय
सोयाबीन में पाये जाने वाले पोषक तत्व
सोयाबीन में 42 प्रतिशत प्रोटीन, 22 प्रतिशत तेल, 21 प्रतिशत कार्बोहाइडेंट, 12 प्रतिशत नमी तथा 5 प्रतिशत भस्म होती है।
उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु
अच्छे जल निकास वाली चिकनी दोमट मिट्टी, पीएच मान 7 से 7.5, उष्ण जलवायु और बीजों को अंकुरित के लिए 20 डिग्री तापमान उपयुक्त।
सोयाबीन की उन्नत किस्में
पी के- 416, पूसा- 16, पंजाब- 1, जे एस- 95-60, जे एस- 335, पूजा, पी एस- 1029, के एच एस बी- 2, बिरसा सोयाबीन- 1, इंदिरा सोया- 9 आदि सोयाबीन की उन्नत किस्में हैं।
बीजों की मात्रा एवं बीजोपचार
65 से 70 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से केप्टान, थीरम, कार्बेन्डाजिम या थायोफेनेट मिथीईल की उचित मात्रा से उपचारित कर लिया जाता है।
खेती के लिए बीजों की रोपाई का समय
बीजों की रोपाई जून और जुलाई का महीना उपयुक्त होता हैं।
रोपाई का तरीका
खेती के लिए सोयाबीन की बीजों की बुवाई छिंटकवां विधि, सीड ड्रिल से या देशी हल के पीछे कूँड़ो में की जाती है।
सोयाबीन को सिंचाई की आवश्यकता
फलियों में दाना भरते समय अर्थात् सितम्बर माह में यदि खेत में नमी पर्याप्त न हो तो आवश्यकतानुसार एक या दो हल्की सिंचाई कर लेनी चाहिए
सोयाबीन की खेती से पैदावार
सोयाबीन के एक हेक्टेयर के खेत से 20 से 25 क्विंटल का उत्पादन प्राप्त हो जाता है।