केले की खेती - जानें, किसी प्रकार से कर सकते है लाखों रूपए की कमाई

भारत में केले की खेती वाले क्षेत्र

भारत में करीब दो लाख बीस हजार हेक्टयर क्षेत्रफल पर केले लगाए जाते हैं। केले उत्पादन में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, करेल, यूपी और एमपी प्रमुख है। 

प्रसिद्ध उन्नत किस्में

पहले वर्ग में पूवन, चम्पा, अमृत सागर, बसराई ड्वार्फ, सफेद बेलची, लाल बेलची, हरी छाल, मालभोग, मोहनभोग और रोबस्टा आदि प्रमुख है। दूसरे वर्ग में मंथन, हजारा, अमृतमान, चम्पा, काबुली, कैम्पियरगंज तथा रामकेला प्रमुख हैं। केले की जी9 किस्म बहुत प्रसिद्ध किस्म हैं। 

खेती के लिए उपयुक्त समय एवं जलवायु

केले को लगाने का मध्य फरवरी से मार्च का पहला सप्ताह उपयुक्त होता हैं। केले के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है। अधिकतम 40 डिग्री तथा न्यूनतम 14 डिग्री तापमान उपयुक्त है।

केले की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

इसकी खेती में उचित जल निकासी वाली जीवांश युक्त दोमट मिट्टी जिसका पीएच मान 6.5 से 8 के मध्य होना चाहिए। 

केले के पौधों की रोपाई 

जहां उच्च नमी और तापमान जैसे 5 से 7 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान हो, वहां पर रोपाई के लिए 1.8 बाई 1.8 मीटर से कम फासला नहीं होना चाहिए। केले के पौधों को 45Û 45Û45 सैं.मी. या 60Û60Û60 सैं.मी. आकार के गड्ढों में रोपित करें। 

फसल की पैदावार एवं कटाई 

केले की फसल रोपाई के बाद 12-15 महीनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। 75 से 80 प्रतिशत पक जाने पर फलों की तुड़ाई करें। एक एकड़ के खेत से 60 से 70 टन की सालाना पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

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