रबी फसल की कटाई के बाद खेत खाली हो जाते हैं। अप्रैल माह में आप इन खाली खेतों में ऐसी सब्जियों की फसल कर सकते हैं जिनकी मांग ज्यादा होती है। इनमें टमाटर, पालक, भिंडी, धनिया, तोरई और आदि मुख्य हैं।
भारत में टमाटर का उपयोग खाने के साथ सलाद में सर्वाधिक किया जाता है। इसके अलावा व्यापारिक स्तर पर इसका उपयोग सॉस बनाने, प्यूरी, सूप, अचार आदि में किया जाता है। यह किसानों के लिए आमदनी का अच्छा जरिया है। टमाटर की हाईब्रिड नस्ल उगाएं।
पालक की खेती भी अप्रैल में की जा सकती है। गर्मी में पत्तेदार हरी सब्जियों की आवक कम होने से पालक की मांग ज्यादा होती है। ऐसे में यह आपको अच्छा मुनाफा दे सकता है।
धनिया एक मसाले की फसल है। इससे सब्जियों का जायका बढ़ जाता है। हरे धनिये की डिमांड गर्मी में खूब रहती है। अप्रैल में धनिया की खेती करें। इसके लिए जल निकास वाली बलुई दोमट मिट्टी की जमीन उपयुक्त होती है।
इसके लिए फसल बुआई के समय 20 डिग्री और पौधों के विकसित होने के समय 30-35 डिग्री तापमान अच्छा होता है।
तोरई भी हरी सब्जियों में मुख्य है। गर्मी के सीजन में इसकी जबर्दस्त डिमांड रहती है। ऐसे में इसकी खेती आपको भरपूर फायदा देगी। बाजार में इसके अच्छे दाम मिलते हैं।