सूरजमुखी की खेती से किसान कैसे कमाएं लाखों रुपये

सूरजमुखी तेल को स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है, क्योंकि इसके बीजों में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन जैसे कई अन्य तत्वों की मात्रा भरपूर पाई जाती है।
इसकी खेती साल में तीन बार की जा सकती हैं। किसान इसकी खेती से खरीफ, रबी और जायद के मौसम में बंपर पैदावार ले सकते हैं।
सूरजमुखी एक तिलहन फसल है, जिसकी खेती कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बिहार में बड़े पैमाने पर की जाती है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, सूरजमुखी की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी और काली मिट्टी को सबसे उपयुक्त माना गया है। खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 8.0 के बीच होना चाहिए है।
एक हेक्टेयर में इसकी खेती से करीब 20 से 25 क्विंटल तक फूलों की पैदावार प्राप्त हो जाती है। जो बाजार में 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बिक जाते हैं। जिससे आप 1 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
सूरजमुखी की खेती के लिए मार्डन, बी.एस.एच. - 1, एम.एस.एच. और सूर्या उन्नत आदि भारत मे बुवाई के लिए उन्नत किस्में हैं।
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