गन्ने की खेती - बदले तकनीक होगी बंपर कमाई, जानें पूरी जानकारी

सहफसली खेती क्या हैं?

सहफसली खेती एक ऐसी तकनीकी खेती हैं जिसमें एक मुख्य फसल के साथ अन्य तरह की और भी कई फसलों को किसान भाई उगा सकते हैं। 

सहफसली खेती से लाभ

प्रति इकाई क्षेत्रफल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर आमदनी को बढ़ाया जा सकता है। मृदा से नमी, पोषक तत्व, प्रकाश एवं खली स्थान का समुचित उपयोग किया जा सकता है।

गन्ने के साथ इन फसलों की करें खेती

गन्ने के साथ-साथ हम लहसुन, अदरक, अलसी और मेंथा की फसलों के अलावा सब्जियों को भी लगाया जा सकता है। गन्ने की फसल को तैयार होने में 13 से 14 महीने लगेंगे।

सर्वाधिक गन्ना उत्पादक राज्य

देश का सर्वाधिक गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश हैं। देश का लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा गन्ना उत्तर प्रदेश में ही होता है।

पोषक तत्वों की अलग से जरूरत नहीं पड़ती

सहफसली खेती में दिए जाने वाले पोषक तत्वों का इस्तेमाल भी सभी के द्वारा सामान रूप से होता है। मुख्य फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से ही सहफसल के पौधे अपने लिए आपूर्ति कर लेते हैं |

कृषि लागत में होती हैं कमी

इस फसल प्रणाली में गन्ने के साथ दलहनी फसलों को उगाकर मृदा स्वास्थ्य को बनाये रखा जा सकता है। श्रम, पूंजी, पानी, उर्वरक इत्यादि को बचाकर लागत को कम किया जा सकता है।

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