मोती की खेती - जानें कैसे मिलेगी सरकार से मदद

राजस्थान में मोती की खेती पर सब्सिडी राशि

किसानों को अधिकतम 12.50 लाख रूपये की सब्सिडी राशि मिल सकती है।

मोती क्या है?

रासायनिक रूप से मोती सूक्ष्म क्रिटलीय रूप में कैल्सियम कार्बोनेट है, जो जीवों द्वारा संकेन्द्रीय स्तरों में निक्षेप करके बनाया जाता है।

मोती के प्रकार

मूल रूप से तीन प्रकार के मोती होते हैं। जिसमें प्राकृतिक, कृत्रिम और सुसंस्कृत मोती शामिल हैं।

खेती के लिए तालाब की आवश्यकता

कम से कम 10 गुणा 10 फीट या बड़े आकार के तालाब में मोतियों की खेती की जा सकती है।

प्रति हेक्टेयर सीप की आावश्यकता

20 हजार से 30 हजार सीप की दर से इनका पालन किया जा सकता है।

सीप से मोती निकाल का समय

लगभग 8 से 10 माह बाद सीप को चीर कर मोती निकाल लिया जाता है।

कमाई एवं लागत

8 लाख रूपये के निवेश से 30 लाख रूपये तक की सालाना कमाई कर सकते है।

सब्सिडी के लिए आवेदन कहां करें

राजस्थान सरकार द्वारा तैयार राजकिसान साथी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। और यह पोर्टल सिंगल विंडो सिस्टम पर आधारित हैं।

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