पूसा जेजी 16 कम पानी में करें काबुली चने की नई किस्म की खेती

काबुली चने की नई किस्म किसने विकसित की है?

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने पूसा जेजी 16 नामक काबुली चने की नई किस्म विकसित की है।

पूसा जेजी 16 किस्म की खेती करने के लाभ

चने की यह किस्म उन क्षेत्रों के लिए विकसित की गई है जहां सूखा पड़ने की संभावना अधिक रहती है और पानी भी कम मात्रा में उपलब्ध होता है। इस किस्म की खेती उन सूखे इलाकों में की जा सकती है जहां पानी का स्तर काफी नीचे है।

कम पानी वाले क्षेत्रों में भी प्राप्त करें बढ़िया उत्पादन

कृषि वैज्ञानिक का दावा है कि काबुली चने की यह किस्म सूखाग्रस्त क्षेत्रों में वरदान साबित होगी और कम पानी और कम खर्च में ज्यादा उत्पादन देगी और किसानों की आमदनी बढ़ाएंगी।

किन राज्यों में खेती करने के लिए उपयुक्त है पूसा जेजी 16

काबुली चने की इस नई प्रजाति पूसा जेजी 16 की खेती मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दक्षिणी राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात आदि राज्यों में की जा सकती है।

पूसा जेजी 16 चने का उत्पादन व फसल अवधि

पूसा जेजी 16 की इस किस्म की खेती करने से किसानों को 1.5 टन से 2 टन प्रति एकड़ की उपज दे सकती है। पूसा जेजी 16 काबुली चने की नई प्रजाति की फसल अवधि 110 दिन से 115 दिन की होती है।

पूसा जेजी 16 काबुली चने की रोग प्रतिरोधी क्षमता

काबुली चने यह किस्म फ्यूजेरियम विल्ट और स्टंट रोगों के लिए प्रतिरोधी भी है। सामान्य चने के मुकाबले इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है।
यहाँ पर क्लिक करें