माइक्रोग्रीन्स की खेती कैसे करें,जानिए फायदे और उपयोग की कंपलीट जानकारी

माइक्रोग्रीन्स क्या है ?

माइक्रोग्रीन्स किसी भी पौधे की शुरुआती पत्तियों को कहा जाता है। माइक्रोग्रीन्स चना, मसूर आदि स्प्राउट्स का विकसित रूप है। इन छोटे पत्तों में बड़ी सब्जियों की तुलना में कहीं अधिक पोषक तत्व होते हैं।

माइक्रोग्रीन में पोषक तत्व

माइक्रोग्रीन में विटामिन सी, विटामिन के और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

माइक्रोग्रीन्स के उपयोग

माइक्रोग्रीन्स का मुख्य उपयोग सलाद के रूप में होता है। इसका सूप बनाकर पी सकते हैं। माइक्रोग्रीन सब्जियां भी बनाकर खाई जाती है।

माइक्रोग्रीन खाने के फायदे

सब्जियों की तुलना में माइक्रोग्रीन में 40 गुना अधिक पोषण होता है। वे विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स के बहुत अच्छे स्रोत हैं। इम्युनिटी बूस्टर होने के अलावा, सूजन, मोटापा और गठिया से लड़ने के औषधीय गुण होते हैं।

माइक्रोग्रीन्स की खेती में इन बातों का रखें ध्यान

इसकी खेती के लिए रासायनिक युक्त मिट्टी का उपयोग न करें और माइक्रोग्रीन के लिए उपयोग किए जाने वाले बीज को रासायनिक रूप से उच्चारित नहीं किया जाना चाहिए।

माइक्रोग्रीन्स की खेती के लिए सीजन

माइक्रोग्रीन हर मौसम में लगाया जा सकता है। एक एकड़ जमीन में माइक्रोग्रीन्स की खेती कर किसान आसानी से 50,000 रुपये तक कमा सकते हैं।

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