जानें, अमरूद की खेती करने का तरीका और उसके फायदे

भारत में अमरूद की खेती का आरंभ

17 वीं शताब्दी से हुआ। भारत में उगाई जाने वाली आम, केला और नीबू के बाद चौथे नम्बर की व्यावसायिक फसल है।

व्यापारिक उन्नत किस्में

पंजाब पिंक, इलाहाबाद सफेदा, ओर्क्स मृदुला, सरदार, पंजाब सफेदा, इलाहाबाद सुरखा, सेब अमरूद, चित्तीदार, पंत प्रभात, ललित आदि।

खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

उष्ण कटिबंधीय जलवायु का पौधा है। इसके पौधे अधिकतम 30 डिग्री तथा न्यूनतम 15 डिग्री तापमान को सहन कर सकते हैं।

अमरूद के पौध की देखभाल

- कटाई और छंटाई
- खाद व उर्वरक 
- खरपतवार नियंत्रण

कटाई और छंटाई

मजबूत और सही वृद्धि के लिए समय समय पर कटाई और छंटाई करते रहें। कटाई -छंटाई से पौधे का तना मजबूत होगा एवं पैदावार अधिक होगी।

खाद व उर्वरक

1 से 3 वर्ष के पौधे में 10 से 25 किलो. गोबर खाद, 155-200 ग्रा. यूरिया, 500-1600 ग्रा. सिंगल सुपर फासफेट व 100-400 ग्रा. म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रयोग करें।

खरपतवार नियंत्रण

10 से 15 दिन के अंतराल में खेत में खरपतवार दिखाई देने पर उसकी गुड़ाई करें।  ग्रामोक्सोन 6 मि.ली. को प्रति लीटर पानी में डालकर स्प्रे करें।

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