गाजर की इस किस्म की बाजार में सबसे ज्यादा मांग रहती है। यह 85 से 95 दिन में तैयार होने वाली किस्म है। इसका रंग गहरा लाल होता है। इसका आकार लंबा और पतला होता है।
गाजर की यह किस्म 80-85 दिनों में तैयार होती है। इसका रंग गहरा नारंगी और वजन 120-160 ग्राम तक होता है। बुआई फरवरी-मार्च, जून-जुलाई, और अक्टूबर-नवंबर में की जाती है।
दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इसकी बुवाई सितंबर से अक्टूबर तक कर सकते हैं। यह 90-110 दिनों में तैयार हो जाती है। औसत उपज 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
आइरिस इम्पोर्टेड गाजर सभी मौसम के लिए उपयुक्त है। गाजर की ये किस्म टेरेस गार्डनिंग, ग्रो बैग किचन गार्डनिंग, रूफटॉप बालकनी गार्डनिंग और इनडोर और आउटडोर के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
यह किस्म मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लिए विशेष तौर पर अनुशंसित है। इसकी औसत उपज 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और अगेती बुवाई के लिए उपयुक्त मानी जाती है। यह किस्म 100 से 120 दिन में तैयार हो जाती है।
किसान अपने क्षेत्र की जलवायु व खेत की मिट्टी के अनुसार गाजर की किस्म चुन सकते हैं। बाजार में गाजर का बीज 780 से 1000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल जाता है।