गन्ने की खेती : बुवाई से लेकर उत्पादन तक की जानकारी
Posted - Sep 12, 2024
बसंत कालीन गन्ना फसल फरवरी-मार्च महीने में लगाई जाती है। इसकी खेती के लिए काली भारी मिट्टी, पीली मिट्टी, तथा रेतेली मिट्टी जिसमें पानी का अच्छा निकास हो, सर्वोत्तम होती है।
गन्ने की खेती के लिए इसके बीज की उन्नत प्रजाति का चुनाव करें। 9 से 10 माह की उम्र के गन्ना बीज का उपयोग करें।
जिस गन्ने की छोटी पोर पर फूल आ गये हो, ऑंखे अंकुरित हो या जड़े निकल आई हो, ऐसे गन्ने का उपयोग बीज के लिए न करें।
मानसून में गन्ने की फसल में पोक्कहा बोईंग रोग का प्रकोप दिखाई देता है। गन्ना फसल पर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 3 gm/ lt पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
गना फसल के खेत में जल निकासी की व्यवस्था के लिए नालियां बनानी चाहिए है। गन्ने के थानों की जड़ पर भारी मिट्टी चढ़ाना चाहिए। मिट्टी चढ़ने से स्वतः निर्मित नालियां बारिश का पानी निकालने का कार्य करती है।
गन्ना फसल में पहले 4 महीने तक 3-4 बार निराई-गुड़ाई करनी चाहिए। अगस्त तथा सितंबर माह में गन्ने के तनों को एक साथ मिलाकर पत्तियों के सहारे बंधाई करें। प्रति एकड़ की दर से यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करनी चाहिए।