Tractor Service Tips : खेती-किसानी और फसलों के उत्पादन के लिए ट्रैक्टर सबसे महत्वपूर्ण मशीनरी है। बिना इसके खेती करना संभव नहीं है, इसलिए इसे किसानों का सच्चा साथी भी बताया गया है। भारतीय किसान अपनी खेती की मूलभूत जरूरतों का आंकलन करने के पश्चात ही ट्रैक्टर में निवेश करते हैं। क्योंकि देश में 85 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत श्रेणी से आते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर होती है। इसलिए भारतीय किसानों की दृष्टि से खेती-बाड़ी की मशीन ट्रैक्टर में निवेश को काफी महंगा माना गया है। इसलिए देश का किसान अपने ट्रैक्टर की उम्र बढ़ाने और इसके प्रदर्शन को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए इसके रखरखाव में हर बारीकियों का विशेष ध्यान रखते हैं। सर्टिफाइड सर्विस सेंटर और कुशल मैकेनिक से अपने ट्रैक्टर की समय-समय पर सर्विस करते रहते हैं, जो उनकी जेब पर काफी भारी भी पड़ता है। ट्रैक्टर की एक बार की सर्विस पर किसान को कई हजार रुपये खर्च करने पड़ जाते हैं, लेकिन किसान को ट्रैक्टर मेंटेनेंस में इसके पार्ट्स और दूसरे फिल्टर कब बदवाने हैं और एयर फिल्टर तथा डीजल फिल्टर की साफ-सफाई कब और कैसे करनी है के बारे में सही समय और तरीका पता है, तो किसान ट्रैक्टर की सर्विस पर काफी पैसों की बचत कर सकते हैं और घर पर भी अपने ट्रैक्टर की अच्छी सर्विस कर सकते हैं। इस पोस्ट में हम इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है।
फ्लूइड, इंजन ऑयल, डीजल फिल्टर, एयर फिल्टर सहित अन्य पार्ट्स जैसे क्लच पेडल, फैन बेल्ट, क्लच प्लेट, ब्रेक, रियर लिंकेज पार्ट, हाइड्रोलिक्स और गियर्स तब बदले जाते हैं जब ट्रैक्टर की सर्विस होती है। इसके अलावा, इनमें कुछ गड़बड़ या कार्य प्रदर्शन में गिरावट देखी जाती है, तो आपको अपने ट्रैक्टर की सर्विस के दौरान इन पार्ट्स को जरूर बदलवा लेना चाहिए। बता दें कि प्रत्येक ट्रैक्टर निर्माता कंपनी अपने अलग-अलग ट्रैक्टर मॉडल पर अलग-अलग सर्विस इंटरवल निर्धारित करती है, जिसके अनुसार ही सर्विस करानी चाहिए। इसलिए अपने ट्रैक्टर का सही सर्विस इंटरवल जानने के लिए आप इसकी सर्विस मैनुअल अवश्य चेक करें। आम तौर पर अधिकतर ट्रैक्टर ब्रांड हर 250 घंटे पर ट्रैक्टर की सर्विस इंटरवल निर्धारित करते हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में ट्रैक्टर की सर्विस 300 घंटे पर हर हाल में करा लेने के लिए कंपनी कहती हैं।
कुशल मैकेनिक का कहना है कि यदि आप कुछ पैसे बचाने के चक्कर में अपने ट्रैक्टर की सर्विस समय पर नहीं करते हैं, तो इससे आपको ट्रैक्टर इंजन, फ्रंट असेंबली, पीटीओ, हाइड्रोलिक्स एवं स्टीयरिंग एक्सल पर उतना ही ज्यादा खर्चा करना पड़ सकता है। इसलिए सर्विस अंतराल पर ही ट्रैक्टर की सर्विस करवाते रहे। इससे आपके ट्रैक्टर और इसके इंजन की सेहत लंबे समय तक अच्छी बनी रहेगी। जब भी आप अपने ट्रैक्टर को सर्विस पर लेकर जाते हैं, तो इंजन ऑयल, डीजल फिल्टर, एयर फिल्टर, हाइड्रोलिक फिल्टर, हाइड्रोलिक ऑयल, ट्रांसमिशन ऑयल और कूलेंट की जांच करवाएं और आवश्यकता पड़ने पर ही बदलवाएं। साथ ही एयर फिल्टर की सफाई करवाएं।
वैसे तो जरूरी नहीं कि हर सर्विस के दौरान ट्रैक्टर के सभी फिल्टर बदलवाने पड़े, लेकिन कुछ फिल्टर ऐसे होते हैं, जिन्हें हर सर्विस अंतराल के दौरान बदलवाने की जरूरत होती है। इनमें डीजल फिल्टर, ऑयल फिल्टर, एयर फिल्टर, हाइड्रोलिक फिल्टर, कूलेंट फिल्टर, डीईएफ फिल्टर वगैरह शामिल है। ये सभी फिल्टर इंजन के घटकों को सुरक्षित रखने का काम करते हैं। ये लिक्विड से दूषित पदार्थों को अलग करते हैं और ट्रैक्टर इंजन को अच्छे से चलाने में मदद करते हैं। ट्रैक्टर के मेंटेनेंस के दौरान कौन सा फिल्टर कब बदलवाना है या बदलना है, इसकी जानकारी नीचे दी जा रही है।
ब्रांड न्यू ट्रैक्टर में इंजन ऑयल (Engine Oil) 50 घंटे की सर्विस लेने के पश्चात बदल देना चाहिए, जबकि बाद में हर 250 घंटों की सर्विस अंतराल पर ट्रैक्टर इंजन ऑयल बदलना जरूरी होता है।
250 घंटे ट्रैक्टर से काम लेने के बाद जब भी आप सर्विस कराने जाएंगे तो, डीजल फिल्टर, ऑयल फिल्टर, हाइड्रोलिक फिल्टर, कूलेंट फ़िल्टर बदलवाने पड़ेंगे। हालांकि, एयर फिल्टर 500 घंटे अंतराल पर बदला जा सकता है, क्योंकि इसकी लाइफ लाइन अन्य फिल्टरों की तुलना में अधिक होती है। अगर इसकी कंडीशन सही है, तो सर्विस के दौरान इसे साफ कर पुन: प्रयोग में लिया जा सकता है। कुल मिलाकर, अगर आपका ट्रैक्टर सर्विस पर जाता है, तो लगभग सभी प्रकार के फिल्टर बदले ही जाते हैं। वहीं, पार्ट्स की स्थिति के अनुसार उन्हें बदला या साफ कर पुन: लगाया जाता है। ट्रैक्टर सर्विस की इन कुछ बारीकियों को ध्यान रखकर आप अपने ट्रैक्टर इंजन के सभी कंपोनेट को सुरक्षित रख सकते हैं और इस पर मौटे पैसों की बचत भी कर सकते हैं।
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