Special Tips To Choose Right Tractor : भारतीय कृषि क्षेत्र में तेजी से मशीनीकरण बढ़ रहा है। आज देश के अधिकतर हिस्सों के किसान खेती में उन्नत तकनीकी आधारित कृषि यंत्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हें ऑपरेट करने के लिए कृषि की सबसे महत्वपूर्ण मशीन ट्रैक्टर का उपयोग किसानों द्वारा किया जाता है। देश की ट्रैक्टर इंडस्ट्रीज की कई दिग्गज कंपनियां वर्तमान में एडवांस तकनीक से ट्रैक्टर डिजाइन कर रही है, जिसके कारण आज देश के किसानों के लिए एक ही श्रेणी में कई ट्रैक्टर विकल्प उपलब्ध है। हालांकि, जहां इन विस्तृत श्रृंखलाओं ने किसानों कई विकल्प प्रदान किए हैं, वहीं इन विकल्पों ने किसानों के कन्फ्यूजन को पहले से अधिक बढ़ा भी दिया है। आज अगर किसान भाई खेती के लिए नया ट्रैक्टर चुनते हैं, तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि उनकी खेती के लिए कैसा ट्रैक्टर सही होगा और किस एचपी का इंजन चुनना चाहिए। एक ट्रैक्टर का सही क्षमता वाला इंजन आपकी खेती के सारे कार्यों को भी अच्छे से करता है और डीजल के साथ पैसों की बचत भी करता है। अगर आप ज्यादा हल्के एचपी इंजन का ट्रैक्टर चुनते हैं, तो कृषि एवं उससे संबंधित सारे काम नहीं कर पाएंगे। अगर बहुत बड़े इंजन का ट्रैक्टर ले लिया तो फिर छोटी खेती में भी बहुत अधिक डीजल खपत होगी। अगर आप खेती के लिए नया ट्रैक्टर खरीदने की सोच रहे हैं, तो हम आपको नया ट्रैक्टर खरीदते समय सही इंजन एचपी चुनने की अहम टिप्स देने जा रहे हैं। इससे आप भविष्य में आने वाली कई परेशानियों से बच सकते हैं और ट्रैक्टर निवेश में पैसा और डीजल दोनों की बर्बादी की समस्या से निजात पा सकते हैं।
ट्रैक्टर का इंजन कैसा चुनना है, इसके लिए पहले, अपनी खेती की मूलभूत जरूरतों का आंकलन करें। जानें, कि आपको ट्रैक्टर की क्याें आवश्यकता है। क्या इसका इस्तेमाल आप जुताई, बुवाई/ रोपण, ढुलाई या कृषि व्यवसाय के काम के लिए करेंगे? इससे आपको अपनी पसंद को सीमित करने में मदद मिलेगी। ट्रैक्टर में निवेश करने से पहले खुद से ये कुछ महत्वपूर्ण सवाल जरूर पूछे जैसे- आपकी खेती का आकार, फसल प्रकार और ट्रैक्टर का उपयोग कौन-कौन से कार्यों के लिए किया जाना है आदि।
ट्रैक्टर खरीदारी करने से पहले अच्छा होगा कि आप पहले ट्रैक्टर इंजन की क्षमता की मूलभूत जानकारी अवश्य जानें। ट्रैक्टर में लगने वाले इंजन की क्षमता 2 तरीकों से चेक की जा सकती है। पहला सिलेंडर और दूसरा इंजन एचपी यानी हॉर्स पावर। फिलहाल, भारत में ट्रैक्टर 1 सिलेंडर, 2 सिलेंडर, 3 सिलेंडर और 4 सिलेंडर वाले विकल्प में उपलब्ध है। बता दें कि सिलेंडर, इंजन का वह भाग है, जिसमें पिस्टन ऊपर-नीचे मूव करते हैं, इससे ट्रैक्टर को गति देने के लिए पावर मिलती है। ट्रैक्टर इंजन में जितने कम सिलेंडर होंगे पावर भी उतनी कम होगी, हालांकि, ट्रैक्टर का माइलेज दक्षता उतना ही अधिक होगी, जबकि इंजन में अगर सिलेंडर संख्या 2 से 3 या 4 सिलेंडर तक होगी, ट्रैक्टर की पावर भी बहुत ज्यादा होगी, लेकिन ज्यादा सिलेंडर वाले ट्रैक्टर इंजन की डीजल खपत भी उतनी ही ज्यादा होगी।
ट्रैक्टर के इंजन हॉर्स पावर (एचपी) का चयन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। ट्रैक्टर में कितने सिलेंडर इंजन है, सिलेंडर कितने क्यूबिक इंच चौड़े हैं, इससे यह सुनिश्चित होगा कि ट्रैक्टर इंजन कितने हॉर्स पावर की शक्ति उत्पन्न करता है। हॉर्स पावर के ही हिसाब से ट्रैक्टर की कैटेगरी और कार्य शक्ति तय होती है। वर्तमान में, ट्रैक्टर के इंजन हॉर्सपावर और पीटीओ हॉर्सपावर की पावर को मापने के लिए निर्माताओं द्वारा दो प्रकार की रेटिंग का उपयोग किया जाता है। हमेशा अपनी भूमि जोत के हिसाब से ट्रैक्टर का इंजन हार्सपावर चुनना चाहिए। इससे आपके पैसे और डीजल की बर्बादी नहीं होगी।
ट्रैक्टर का चुनाव एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो आपके खेत के आकार के साथ-साथ किए जाने वाले कृषि उपकरणों की विविधता पर निर्भर करता है। अगर आप ट्रैक्टर का इस्तेमाल अक्सर हल, लोडर और घास काटने जैसे भारी उपकरणों के साथ करना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा चुना गया ट्रैक्टर का इंजन जरूरत से 5 एचपी अधिक का हो। इससे जरूरत के सारे काम करते हुए ट्रैक्टर का इंजन आरपीए ड्रॉप नहीं करेगा और काम आसानी से पूरा होगा। भारतीय किसानों द्वारा सबसे ज्यादा 35 से 45 हार्सपावर (एचपी) की श्रेणी के ट्रैक्टरों का ही इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इस अश्व शक्ति (हॉर्सपावर) श्रृंखला के ट्रैक्टर ईंधन कुशल और किफायती बजट वाले होते हैं।
भारतीय कृषि बाजारों में, मैसी फर्ग्यूसन, वीएसटी, न्यू हॉलैंड, सॉलिस, फार्मट्रैक, महिंद्रा, जॉन डियर, आयशर, प्रीत और कैप्टन ट्रैक्टर कंपनियां द्वारा निर्मित ट्रैक्टर मॉडल्स उपलब्ध है। ये सभी किसानों की जरूरतों के अनुसार, अलग-अलग एचपी रेंज में बजट अनुकूल है। किसान भाई अपनी जोत के अनुसार पसंदीदा निर्माता का चयन कर नया ट्रैक्टर खरीद सकते हैं। इसके अलावा, अगर किसान भाई नए जैसे पुराने ट्रैक्टर में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो वे ट्रैक्टर गुरू की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। यहां आपको विभिन्न निर्माताओं के पुराने ट्रैक्टरों के कई विकल्प मिलेंगे। खास बात यह है कि आप इनके लिए लोन सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं।
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